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कोरोना को धर्म से जोड़ने पर महामारी के खिलाफ लड़ाई होगी कमजोर : जमीयत - महामारी को धार्मिक रंग देना शर्मनाक

मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि तबलीगी जमात को लेकर कोरोना वायरस को धर्म से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. इससे महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई कमजोर होगी. पढ़ें पूरी खबर...

मौलाना अरशद मदनी
मौलाना अरशद मदनी

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Published : Apr 1, 2020, 9:01 PM IST

नई दिल्ली : देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुधवार को कहा कि तबलीगी जमात मामले को लेकर कोरोना वायरस महामारी को धार्मिक रंग देने का प्रयास नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी.

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने यह भी कहा कि तबलीगी जमात के मरकज से जुड़ी घटना की जांच होनी चाहिए और देश में कहीं भी किसी ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

उन्होंने एक बयान में कहा, 'अगर मरकज ने लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना की हो तो उसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए. साथ में यह भी देखना चाहिए लॉकडाउन के दौरान कहां-कहां ऐसी धार्मिक, सामाजिक और व्यक्तिगत गतिविधियां हुई जिसमें लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन हुआ.'

मदनी ने कहा कि मरकज मुद्दे को लेकर कोरोना वायरस जैसी महामारी को धार्मिक रंग देना शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि 'जो भी ऐसी सोच रखते हैं वह अपने धार्मिक एजेंडे की आड़ में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ विश्वव्यापी लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं.'

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उन्होंने यह भी कहा कि मरकज के मसले पर प्रशासनिक लापरवाही भी हुई जिसकी जांच आवश्यक है.

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