नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री व राज्यसभा सांसद अरुण जेटली दीवाली से पहले रायबरेली को सौर ऊर्जा से चलने वाली हाई-मास्ट लाइटों से रोशन करना चाहते थे.
जेटली ने अस्पताल में भर्ती होने से करीब एक हफ्ते पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जिला प्रशासन को अपने एमपीलैड फंड से 200 सौर ऊर्जा से चलने वाली हाई-मास्ट लाइटें लगाने का प्रस्ताव भेजा था.
एमपीलैड के अंतर्गत सांसद जिलाधिकारी को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सालाना 5 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं शुरू करने का सुझाव दे सकते हैं.
पिछले साल अक्टूबर में जब जेटली ने रायबरेली में एमपीलैड फंड खर्च करने के इरादे की घोषणा की, तो इसे लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के गढ़ को तोड़ने की कोशिश के रूप में उठाए गए कदम के रूप में देखा गया था.
बता दें कि जिले का प्रतिनिधित्व एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के द्वारा होता आया है, इसके बावजूद भी यहां पिछड़ापन है. इसी बात ने उन्हें रायबरेली को चुनने के लिए प्रेरित किया.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हीरो वाजपेयी ने कहा, 'उन्होंने अपने निधन से कुछ दिन पहले 17 अगस्त को रायबरेली जिला प्रशासन को सिफारिश सौंपी थीं.'