नई दिल्ली : श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धन के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि कोविड महामारी ने दोनों देशों को और करीब से काम करने का मौका दिया है.
जयशंकर ने कहा कि 'कोरोना वायरस महामारी का भारत-श्रीलंका के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है और दोनों देश कोविड-19 के बाद सहयोग को लेकर आशान्वित हैं. वास्तविकता यह है कि पिछले एक साल में उच्च स्तर पर संपर्क बना रहा और वह पहले से मजबूत हुआ है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच सितंबर में हुई ऑनलाइन बैठक का हवाला देते हुए जयशंकर ने कहा, 'इसने हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं डाला है और हमारे प्रधानमंत्रियों के बीच पिछले साल हुई ऑनलाइन बैठक इन संबंधों पर मुहर थी.'
उन्होंने कहा, 'अब हम कोविड के बाद सहयोग को लेकर उत्साहित हैं और भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित को अपने ध्यान में रख रहे हैं.' जयशंकर के साथ कोलंबो में बैठक के दौरान श्रीलंका की सरकार ने औपचारिक रूप से कोविड टीके के लिए भारत की सहायता मांगी है.
विदेश मंत्री ने भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित के बारे में भी चर्चा की. यह आश्वासन देते हुए कि श्रीलंका के लिए भारत 'भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार है' जयशंकर ने कहा कि देश 'परस्पर हित, परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता' के आधार पर द्वीपीय देश के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के पक्ष में है.