नई दिल्ली: एक आरटीआई के हवाले से कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नोटबन्दी को देश हित में बताने के लिये रिजर्व बैंक को दबाव में लेने का आरोप लगाया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि कांग्रेस शुरू से कह रही थी कि नोटबन्दी एक घोटाला है, लेकिन अब सामने आ गया. सरकार ने अपने हितों को साधने के लियेदेश की आम जनता परनोटबन्दी को थोप दिया.
आरटीआई के मुताबिक आरबीआई ने सरकार को सलाह दी थी कि नोटबन्दी से कोई फायदा नहीं होगा. इसके बाद जयराम रमेश ने कहा आरबीआई के उच्च अधिकारियों ने एक मीटिंग के दौरान कहा था कि नोटबन्दी से न तो काले धन पर लगाम लगेगी और न ही भ्रष्टाचार पर, लेकिन बाद में आरबीआई ने सरकार के पक्ष में नोटबन्दी को सही करार दिया.
जयराम रमेश ने मीडिया के सामने सात पेज का एक आरटीआई जवाब पेश किया है. इसके हवाले से उन्होंने कहा कि आठ नवंबर, 2016 की रात मोदी सरकार ने नोटबन्दी लागू की. उसी दिन शाम में आरबीआई की बैठक में नोटबन्दी पर टिप्पणी की गई थी. कहा गया था कि इससे कालेधन पर रोक नहीं लगेगी.
रमेश ने कहा कि काला धन कोई कैश में नहीं रखता. वह सोना या जमीन के रूप में होता है. रमेश ने आरोप लगाया कि जमीनी सच जो था उस से उलट रिजर्व बैंक ने बाद में सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी.