भोपाल : मध्य प्रदेश में इन दिनों कंप्यूटर बाबा जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. उनकी सुर्खियों में रहने का कारण इंदौर में आश्रम पर जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई है. जिला प्रशासन ने उनके आश्रम में अवैध अतिक्रमण बताते हुए बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है.
कंप्यूटर बाबा कांग्रेस के करीबी हैं, जिन्होंने पूरे उपचुनाव के दौरान सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में 'लोकतंत्र बचाओ' यात्रा निकाली थी. माना जा रहा है कि, उन पर कार्रवाई का कारण भी यही रहा.
इस वजह से नामदेव दास त्यागी बने कंप्यूटर बाबा
कंप्यूटर बाबा के नाम से फेमस नामदेव दास त्यागी का जन्म 1965 में हुआ था. इंदौर शहर के रहने वाले कंप्यूटर बाबा को आधुनिक गैजेट्स और आईटी से जुड़ी चीजों से बहुत लगाव है. उनके पास इस तरह की गैजेट्स आसानी से देखने को भी मिल जाती है. इसी शौक के चलते नरसिंहपुर में एक संत ने उन्हें 'कंप्यूटर बाबा' का नाम दिया था.
कंप्यूटर बाबा दिगंबर अखाड़े के सदस्य भी हैं, जो राजनीतिक गतिविधियों के कारण चर्चा में बने हैं. प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान उन्होंने सभी विधानसभा क्षेत्रों में 'लोकतंत्र बचाओ' यात्रा निकाली थी. इसी से माना जा रहा है कि, उनके ऊपर हुई कार्रवाई की वजह यही है.
शिवराज सरकार ने 2018 चुनाव के पहले दिया था राज्यमंत्री का दर्जा
जहां तक कंप्यूटर बाबा की बात करें, तो पहले वह धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में संलग्न रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा बढ़ने लगी. बताया जाता है कि, 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी से संपर्क किया था, लेकिन फिर बात नहीं बनी. इसके बाद वह बीजेपी के नजदीक आ गए. उन्होंने मार्च माह में घोषणा की थी, कि वो 1 अप्रैल 2018 से नर्मदा यात्रा शुरू करेंगे. इसी के बाद 31 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया था. उनके साथ 5 अन्य संतों को भी राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया, जिसके बाद पौधारोपण संरक्षण और स्वच्छता अभियान की जिम्मेदारी दी गई.
शिवराज सिंह चौहान द्वारा कंप्यूटर बाबा को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था, जो उन्हें ज्यादा दिनों तक रास नहीं आई. इसके बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव आते ही कंप्यूटर बाबा दिग्विजय सिंह के संपर्क में आ गए. वह अपने 7 हजार संतों के साथ कांग्रेस के समर्थन में खड़े हो गए. उन्होंने विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के लिए जमकर प्रचार किया. इसलिए कमलनाथ सरकार ने भी उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया. प्रदेश की प्रमुख नदियों की संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी. वहीं लोकसभा चुनाव में भी वह बीजेपी के खिलाफ प्रचार करते हुए नजर आए.
कंप्यूटर बाबा पर की गई विद्वेषपूर्ण कार्रवाई
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि, कंप्यूटर बाबा पर की गई कार्रवाई विद्वेष की कार्रवाई है. जब वह भाजपा के साथ काम कर रहे थे, तो बीजेपी और मुख्यमंत्री की नजर संतों पर थी. आज अगर वह बीजेपी से असहमत होकर कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं, तो वह अपराधी बन गए हैं. यह भाजपा की दो मुखी राजनीति है.
कानून से ऊपर कोई व्यक्ति नहीं हो सकता: BJP
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि, कानून से ऊपर कोई व्यक्ति नहीं हो सकता. चोला उसका कोई भी हो, लेकिन कानून की परिधि से बाहर निकल कर उन्होंने यह मान लिया है कि स्वतंत्र इकाई होकर बहुत बड़ी कोई पोजीशन है, तो कानून से बढ़कर कोई नहीं हो सकता है. कानून की नजर जब उस पर पड़ेगी, तो कार्रवाई होगी. ऐसे ही इस मामले में कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई को अन्यथा नहीं देखना चाहिए. निश्चित रूप से कानून के अंदर कार्रवाई हुई है.