राजौरी: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले की इरमीम शमीम ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स0 की प्रवेश परीक्षा पास कर ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है. बता दें कि एम्स में दाखिला लेने वाली वहपहली गुज्जर महिला है.
सीमावर्ती जिले के धनोर गांव के रहने वाले शमीम ने सभी विपरीत परिस्थितियों को हराकर प्रीमियर इंस्टीट्यूट में प्रवेश करने के लिए कड़ी मेहनत की.
बता दें कि इरमीम को स्कूल जाने के लिए हर दिन 10 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती थी. क्योंकि गांव के पास कोई अच्छा स्कूल नहीं था.
राजौरी में MBBS AIIMS पास करने वाली पहली गुर्जर महिला बनीं इरमीम शमीम पिछड़े समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और आर्थिक संकट से जूझ रही शमीम ने अपने रास्ते पर आने वाली सभी चुनौतियों को पार करते हुए यह परीक्षा पास की.
उन्होंने कहा ' सभी को अपने जीवन में कुछ समस्या है. आपको चुनौतियों से लड़ना होगा और सफलता निश्चित रुप से आपके पास आएगी.' अपनी बेटी की सफलता से परिवार के लोगों में काफी खुशी का महौल है.
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वह चाहते हैं कि उनकी बेटी एक सफल डॉक्टर बनें और जम्मू कश्मीर और देश के लोगों की सेवा करें.
एजेंसी के एक रिपोर्टर से बातचीत करते हुए शमीम के चाचा लियाकत चौधरी ने शमीम की सफलता पर खुशी व्यक्त की और कहा की लड़कियां क्षेत्र की आशा है. उन्होंने कहा, जम्मू और कश्मीर की लड़कियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्री स्तर पर जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई है.
जिला विकास कमिश्नर ऐजाज असद ने कहा शमीम की उपलब्धि को सराहा और कहा कि भविष्य में उसकी पढ़ाई के लिए जितनी भी मदद की आवश्यकता होगी वह की जाएगी.
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे है. एक तरफ जहां धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. वहीं इलाकों से पाबंदी भी हटाई जा रही है.