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पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों की कार का पीछा, घर के बाहर आईएसआई का पहरा

दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में काम करने वाले दो जासूसों को रंगे हाथों पकड़ा गया था. इसके बाद उन्हें भारत से निकाल दिया गया था. अपनी नाकामी से बौखलाया पाकिस्तान अब इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजनयिक को परेशान कर रहा है.

isi man chases diplomat
आईएसआई

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Published : Jun 5, 2020, 12:59 AM IST

Updated : Jun 5, 2020, 1:16 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में काम करने वाले दो जासूसों को रंगे हाथों पकड़ा गया था. इसके बाद उन्हें भारत से निकाल दिया गया था. अपनी नाकामी से बौखलाया पाकिस्तान अब इस्लामाबाद में तैनात भारतीय राजनयिक को परेशान कर रहा है. बता दें, किसी भी देश में तैनात राजनयिकों को वियना संधि के तहत सुरक्षा मिलती है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लामाबाद में तैनात शीर्ष भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया के घर के बाहर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कई लोग तैनात हैं. इसके अलावा भारतीय राजनयिकों की गाड़ियों का पीछा करने का मामला भी सामने आया है. भारत ने इस संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए पाकिस्तान से जांच की मांग की है.

भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया की कार का पीछा करता शख्स

कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं, जिनमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट मोटर साइकिल पर अहलूवालिया समेत अन्य राजनयिकों का पीछा करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

बता दें, हाल ही में पाकिस्तानी दूतावास में तैनात दो अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को भारत ने जासूसी के मामले में पकड़ा था. इसके बाद दोनों को ही देश से निकाल दिया था.

मार्च में पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग की तरफ से सख्त नोट इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय को भेजते हुए पाकिस्तानी एजेंसियों की तरफ से जारी स्टाफ के उत्पीड़न को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया था.

पाक कर वियना संधि का उल्लंघन

साल 1961 में आजाद देशों के बीच राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि हुई थी. इस संधि के तहत राजनयिकों को विशेष अधिकार दिए गए हैं. दो साल बाद 1963 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इंटरनेशनल लॉ कमीशन द्वारा तैयार एक और संधि का प्रावधान किया, जिसे वियना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस कहा गया. इस संधि को 1964 में लागू किया गया था, जिसके तहत मेजबान देश अपने यहां रहने वाले दूसरे देशों के राजनयिक को विशेष दर्जा देता है. इसके अलावा दूसरे देशों के राजनयिकों को किसी भी कानूनी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.

Last Updated : Jun 5, 2020, 1:16 AM IST

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