नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पाकिस्तान की तरफ से आमंत्रित करने के फैसले पर पूर्व राजदूत और विदेश मामलों के विश्लेषक अनिल त्रिगुणायत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पड़ोसी देश द्वारा उठाए गए इस कूटनीतिक कदम को गलत करार दिया है.
त्रिगुणायत ने 'करतारपुर कॉरिडोर' को खोलने की योजना को एक सरकार से दूसरी सरकार की पहल बताया. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अनिल त्रिगुणायत ने कहा, 'उन्हें (पाकिस्तान) पीएम मोदी को आमंत्रित करना चाहिए था. अगर मनमोहन सिंह उनके अलावा अलग से आमंत्रित होते तो यह गलत कदम नहीं होता.'
पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की... दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान बताया था कि पाकिस्तान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के लिए निमंत्रण देने की योजना बना रहा है.
वहीं, जब इस संबंध में डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यालय से संपर्क किया गया, तो उनके कार्यालय ने किसी भी प्रकार का निमंत्रण प्राप्त करने से इनकार कर दिया और आगे कोई बयान देने से भी मना कर दिया.
गौरतलब है कि अपनी सरकार के 10 वर्षों में डॉ. मनमोहन सिंह ने कभी पाकिस्तान में कदम नहीं रखा. 2011 में जरदारी प्रशासन ने अपने गृह नगर आने का निमंत्रण दिया था. लेकिन डॉ. सिंह ने 26/11 मुंबई हमले के अपराधियों को दंडित होने तक पाकिस्तान में कदम नहीं रखने का संकल्प लिया था.
अहम बात है कि डॉ सिंह को पाकिस्तान की तरफ से निमंत्रण देने वाली बात ने दिल्ली की राजनीतिक सरगर्मी को बढ़ा दिया है. वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी पहले से ही भारत की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी को घेर रही है. इसके अलावा भाजपा संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के उस भाषण पर भी कांग्रेस पर निशाना साध रही है, जिसमें खान ने पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बयान का जिक्र किया था.
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हालांकि, डॉ सिंह के कद्दावर राजनेता होने के कारण अनिल त्रिगुणायत ने उन्हें सिख समुदाय के लिए भी एक बड़ा चेहरा बताया, लेकिन उन्होंने इस तीर्थयात्रा को पाकिस्तान की क्षुद्र राजनीति कहा है.
वहीं भारत और पाकिस्तान दोनों ने दावा किया है कि उनकी तरफ के गलियारों का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा से पहले खत्म हो जाएगा. आपको बता दें, पाकिस्तान पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर इस गलियारे का उद्घाटन करेगा.