नई दिल्ली : मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को लेकर तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की लापरवाही के लिए सुरक्षा एजेंसियां उनसे निपटेंगी. उन्होंने कहा कि एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि उनके खिलाफ 'आपराधिक लापरवाही' के लिए एक उचित कार्रवाई की जाए.
ईटीवी भारत के न्यूज एडिटर बिलाल भट्ट के साथ एक विशेष साक्षात्कार में नकवी ने कहा कि जमात की सबसे बड़ी गलती एक आत्मसमर्पण से बचना था. आत्मसमर्पण से न केवल उन्हें बल्कि कई अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचा लिया जाता.
उन्होंने कहा कि जमात से जुड़े लोग आगे आ सकते थे और प्रारंभिक स्तर पर मेडिकेयर की मांग कर सकते थे. सरकार उनका समर्थन करने को तैयार थी.
मुख्तार अब्बास नकवी का इंटरव्यू मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बौद्धिकता की आड़ में कुछ लोग देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे गंभीरता के साथ निपटा जाएगा और ऐसे लोगों से निपटने के लिए एक सूची भी बनाई गई है.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम के बारे में नकवी ने कहा कि उन्होंने अपने ही देश की बुराई की है और फिर दूसरे देशों से मदद मांगी, जो नैतिक रूप से अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि कुछ बुद्धिजीवी और विद्वान भारत की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और 'इस्लामोफोबिया' जैसे तत्वों को समाज में फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि, इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि मेरा मानना था कि पूरी दुनिया भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को मान्यता देती है. नकवी ने कहा कि भारत की नींव के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां ढूंढ़ निकालेंगी.
नकवी ने कहा कि यह एजेंसियां ऐसे बुद्धिजीवियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में अब धीरे-धीरे ढ़ील दी जा रही है और लोगों को डरना नहीं चाहिए. अब वह अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए अपना दैनिक कार्य कर सकेंगे.