नई दिल्ली :कांग्रेस अकेले ही भाजपा के खिलाफ एक मजबूत राष्ट्रीय विकल्प प्रदान कर सकती है, लेकिन एक विपक्षी पार्टी के रूप में वह निष्क्रिय हो गई है. पार्टी में नई दृष्टि और आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है. यह बात पार्टी के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने कही है.
अपनी बेबाकी के लिए पार्टी से निलंबित कर दिए गए संजय झा से वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्रहोत्री ने विशेष बातचीत की. इस दौरान संजय ने कई सवालों के जवाब दिए. पढ़ें पूरा साक्षात्कार...
सवाल - आपको क्या लगता है कांग्रेस इतनी बुरी हालत में क्यों है?
जवाब - एक कारण यह है कि हमारे पास स्पष्ट रूप से परिभाषित नेता नहीं हैं, जो 2024 में कांग्रेस का नेतृत्व कर सकें. इसके अलावा पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है, जिसने एआईसीसी के मुख्य ढांचे को कमजोर कर दिया है क्योंकि लोग नहीं जानते कि जिम्मेदारी लेने वाला सही व्यक्ति कौन है.
पार्टी के भीतर संगठनात्मक कमजोरी, नेतृत्व की शून्यता और एक वैचारिक भ्रम भी रहा है. इन तीन कारणों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हमें और अधिक राज्य के नेताओं को प्रोत्साहित करने और पार्टी को एक जीवंत आंतरिक लोकतंत्र बनाने की आवश्यकता है.
सवाल - इस परिस्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है?
जवाब - जिम्मेदारी तो हर समय उच्च स्थान पर बैठे व्यक्ति की होती है. इसलिए यह कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस कार्य समिति की जिम्मेदारी है, जिन्हें सामूहिक रूप से खड़े होना है और हमें यह बताना है कि वह पार्टी में इस शून्यता को क्यों जगह दे रहे हैं. इससे भाजपा का काम बहुत आसान हो गया है.
कांग्रेस कार्य समिति ने नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक की, लेकिन उसने यथास्थिति का समर्थन किया. यदि पार्टी 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों को नजरअंदाज करती है, तो वह अपने जोखिम पर ऐसा करेगी. यह बहुत अच्छी तरह से व्यक्त की गई सिफारिशें हैं और राजनीतिक समझ का एक बड़ा हिस्सा हैं. तथ्य यह है कि यह सिफारिशें कुछ वरिष्ठतम नेताओं और युवा नेताओं की ओर से आ रही हैं.
संजय झा, जिन्हें कांग्रेस ने पार्टी से निलंबित कर दिया है. यह पार्टी के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि हमें अपनी नई पहचान खोजने की आवश्यकता है. अगर कांग्रेस पार्टी अब नहीं बदलती है तो इसका मतलब है कि हम अपनी खुद की श्रद्धांजलि लिख रहे होंगे.
सवाल - क्या कांग्रेस में इस तरह के असंतुष्ट लोग और भी हैं?
जवाब - मैं उन्हें असंतुष्ट नहीं कहूंगा. मैं उन्हें पार्टी के भीतर की लोकतांत्रिक आवाज कहूंगा. पार्टी में ऐसे लोग हैं, जो कांग्रेस की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और पार्टी के हितों की रक्षा के लिए उत्साही हैं. उनका विश्वास है कि केवल कांग्रेस ही भाजपा का मुकाबला कर सकती है. पार्टी में 300 से अधिक ऐसे नेता हैं, जो पत्र में लिखे विचारों का समर्थन करते हैं.
सवाल - तो, प्रासंगिक बने रहने के लिए कांग्रेस को क्या करना चाहिए?
जवाब -सर्व प्रथम तो कांग्रेस अध्यक्ष को नियुक्त करना चाहिए, जो सक्रिय और जमीन पर दिखाई दे. जो कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने और मतदाताओं को प्रेरित करने में सक्षम हो और भाजपा से लड़ने के लिए उनके जुनून को जगाकर पार्टी के उच्च नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने की क्षमता रखता हो.
हाल में तो हमारे कार्यकर्ताओं में निराशा और हताशा है. हमें एक ऐसे नेता की जरूरत है, जिसके पास कांग्रेस के लिए दृष्टि हो और जो इसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करे. ऐसे कई लोग हैं जो उद्योग, वाणिज्य, मीडिया के साथ जुड़ने के इच्छुक हैं और साथ ही बुद्धिजीवियों और मध्य वर्ग से जुड़े हैं, जिन्हें हमने अतीत में अनदेखा किया है.
सवाल - ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी शीघ्र वापस आ सकते हैं. क्या वह इस लायक हैं?
जवाब - खैर, गांधी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह कांग्रेस प्रमुख नहीं बनना चाहते हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा ने राहुल के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि एक गैर-गांधी कांग्रेस प्रमुख होना चाहिए. सोनिया गांधी केवल अंतरिम पार्टी अध्यक्ष हैं. इसलिए गांधी परिवार का संदेश है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राजनीतिक सत्ता में रुचि नहीं रखते हैं.
कांग्रेस कार्य समिति को तुरंत पार्टी के संविधान के अनुसार पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से एक नए कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति करनी चाहिए.
सवाल - आपने कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ मान्य बिंदु उठाए थे, लेकिन ऐसा करने के लिए आप निलंबित हो गए. क्या अब भी कोई उम्मीद है?
जवाब - मैं आशावादी हूं. पार्टी का शानदार इतिहास रहा है. इसमें प्रतिभा, वैराग्य और विचारधारा है. दुर्भाग्य से हम निष्क्रिय हो गए हैं और हमारा प्रदर्शन मतदाताओं को प्रेरित करने में सक्षम नहीं हुआ है. यही कारण है कि लोगों का कांग्रेस पर से विश्वास उठ गया है. इसका एक नीचे से ऊपर तक का दृष्टिकोण होना चाहिए और पार्टी में कोई उच्च कमान संस्कृति नहीं होनी चाहिए.
भाजपा एक अलग विचारधारा और शासन के मॉडल का प्रतिनिधित्व करती है. एकमात्र मजबूत राष्ट्रीय पार्टी जो भाजपा को हरा सकती है वह है कांग्रेस. इसलिए कांग्रेस को भाजपा के लिए एक वैकल्पिक नैरेटिव विकसित करना होगा ताकि लोगों को उन्हें सत्ता में वापस लाने के लिए प्रेरित किया जा सके.
सवाल - क्या कोई गैर-गांधी कांग्रेस को सक्षम नेतृत्व दे सकता है?
जवाब -मेरी नजर में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हर व्यक्ति की अपनी शक्ति होती है, अपना स्टाइल होता है और अपनी रणनीति होती है. कांग्रेस को जरूरत है एक नए दृष्टिकोण की और एक मजबूत योजना की. यदि आप किसी को मौका ही नहीं देंगे तो आप कैसे जान पाएंगे कि वह योग्य है या नहीं है.