नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर कहा है कि मैं आज इसे स्पष्ट रूप से बता रहा हूं. NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं है. शाह ने कहा कि विपक्षी पार्टियां भ्रम फैला रही हैं. लेकिन सरकार अब आम लोगों को समझा रही है, उनके पास पहुंच रही है और उन्हें सही जानकारी भी दे रही है. उन्होंंने कहा कि यह इंटरव्यू उसी का एक प्रयास है.
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शाह ने क्या कहा, ये हैं प्रमुख बिंदु-अभी हमने एनआरसी को लेकर कैबिनेट या संसद में कोई चर्चा नहीं की है. इसलिए पीएम सही हैं, उन्होंने जो कुछ कहा, वह सही है. अभी इसे पूरे भारत में लागू करने पर कोई विचार नहीं हुआ है.
गृहमंत्री ने आगे कहा इस पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सही थे, इस पर अभी तक न तो कैबिनेट में और न ही संसद में कोई चर्चा हुई है.
गलत सूचना फैलाई जा रही हैं.
डिटेंशन केंद्र और NRC या CAA के बीच कोई संबंध नहीं है. गलत सूचना फैलाई जा रही है.
कोई भी नागरिक नहीं खोएगा नागरिकता
यह संभव है कि एनपीआर में कुछ नाम छूट गए हों, फिर भी उनकी नागरिकता को रद्द नहीं किया जाएगा क्योंकि यह एनआरसी की प्रक्रिया नहीं है. NRC एक अलग प्रक्रिया है मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनपीआर की वजह से कोई भी नागरिकता नहीं खोएगा
पश्चिम बंगाल और केरल के सीएम से अपील
मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से फिर से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और कृपया आप फैसलों की समीक्षा करें, न ही गरीबों को विकास कार्यक्रमों से दूर रखें
किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता नहीं जाएगी
कुछ तो खामी रही होगी, मुझे स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है, मगर संसद का मेरा भाषण देख लीजिए, उसमें मैनें सब स्पष्ट किया है कि किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता जाने का सवाल नहीं है.
क्या एनपीआर को लेकर हिंसा हो सकती है.
पूरी प्रक्रिया के लिए नियम कांग्रेस ने बनाई है. हम उसका पालन कर रहे हैं. इसलिए जनता से अपील करते हैं कि आप बहकावे में ना आएं. इसका एनआरसी से कोई लेना देना नहीं है.
क्या आधार कार्ड संबंधित बायोमेट्रिक देना होगा.
आपको कोई दस्तावेज नहीं सौंपना होगा. आपको कुछ सूचनाएं देनी होंगी. आधार का नंबर देना होगा.
क्या एनपीआर को लेकर केन्द्र और राज्य के बीच विश्वास की कमी हुई है
हम राजनीति नहीं करते हैं. हम कम्युनिकेशन व्यवस्था में विश्वास करते हैं. हम पूरी तरह से कह रहे हैं कि जनता को गलत जानकारी दी जा रही है.
किसी भी अल्पसंख्यकों की नागरिकता नहीं जाएगी.
ओवैसी पर क्या बोले शाह
ओवैसी हमारा विरोध करेंगे, इसमें कोई अचरज नहीं है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि एनपीआर की प्रक्रिया पूरी तरह से अलग है.
एनपीआर की प्रक्रिया का नागरिकता से कोई लेना देना नहीं है.
यह प्रक्रिया 10 सालों में होती है. यूपीए ने भी ये प्रक्रिया अपनाई है, फिर विरोध कैसा
सीएए पर विरोध
किसी की नागरिकता लेने का कोई मुद्दा नहीं है. इस प्रक्रिया के तहत नागरिकता दी जाएगी. देश के मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है.
सीएए को लेकर जनता के मन में भय नहीं है, यह दूर हो गया है. लेकिन कुछ नेता जानबूझकर एनपीआर को लेकर भ्रम खड़ा करना चाहते हैं.