नई दिल्ली : भारत में इंटरनेट बंद होने के बाद तैयार रिपोर्ट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. इसके मुताबिक देश में नेट बंद होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. ईटीवी भारत यह जानने का प्रयास किया कि इंटरनेट बंद होने से क्या प्रभाव पड़ा?
हालांकि, यहां पर एक कुछ लोगों ने कानून को सुचारु रूप से चलाने के लिए इंटरनेट बंद का समर्थन किया तो कुछ लोगों ने इसे अतार्किक करार दिया है. टेलीकॉम ऑपरेटरों और व्यापारियों को इंटरनेट बंद होने से काफी नुकसान हुआ है.
सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट बंद होने के दौरान टेलीकॉम ऑपरेटर को प्रति घंटा प्रत्येक क्षेत्र से करीब 2.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
गौरतलब है कि इस वर्ष अब तक 105 बार इंटरनेट सेवा बंद की जा चुकी है, जबकि 2018 में 134 पर इंटरनेट बंद किया गया था. यह आंकड़ा सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर द्वारा संचालित एक बेवसाइट से लिया गया है.
रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्जी ने ईटीवी भारत से कहा कि देश में इंटरनेट बंद किया गया और इसने पूरी तरह से अपना प्रभाव छोड़ा.
सुबिमल ने कहा कि कानून लागू करने वाली एंजेसियों के पास इंटरनेट बंद करने के आलवा अन्य विकल्प नहीं था क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि हिंसा किस हद तक होगी और सोशल मीडिया पर इसका किस तरह से उपयोग होगा.