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इंटरनेट सेवा बंद, जानें क्या पड़ा इसका प्रभाव

हाल ही में सीएए प्रदर्शन के दौरान देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. इंटरनेट सेवा बंद होने से क्या प्रभाव पड़ा, ईटीवी भारत ने यह जानने की कोशिश की. देखें रिपोर्ट.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

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Published : Dec 28, 2019, 10:05 PM IST

नई दिल्ली : भारत में इंटरनेट बंद होने के बाद तैयार रिपोर्ट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. इसके मुताबिक देश में नेट बंद होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. ईटीवी भारत यह जानने का प्रयास किया कि इंटरनेट बंद होने से क्या प्रभाव पड़ा?

हालांकि, यहां पर एक कुछ लोगों ने कानून को सुचारु रूप से चलाने के लिए इंटरनेट बंद का समर्थन किया तो कुछ लोगों ने इसे अतार्किक करार दिया है. टेलीकॉम ऑपरेटरों और व्यापारियों को इंटरनेट बंद होने से काफी नुकसान हुआ है.

सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट बंद होने के दौरान टेलीकॉम ऑपरेटर को प्रति घंटा प्रत्येक क्षेत्र से करीब 2.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गौरतलब है कि इस वर्ष अब तक 105 बार इंटरनेट सेवा बंद की जा चुकी है, जबकि 2018 में 134 पर इंटरनेट बंद किया गया था. यह आंकड़ा सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर द्वारा संचालित एक बेवसाइट से लिया गया है.

रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्जी ने ईटीवी भारत से कहा कि देश में इंटरनेट बंद किया गया और इसने पूरी तरह से अपना प्रभाव छोड़ा.

सुबिमल ने कहा कि कानून लागू करने वाली एंजेसियों के पास इंटरनेट बंद करने के आलवा अन्य विकल्प नहीं था क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि हिंसा किस हद तक होगी और सोशल मीडिया पर इसका किस तरह से उपयोग होगा.

उन्होंने कहा कि हालांकि, सरकार सोशल मीडिया के कुछ साइट बंद कर सकती थी, जो हिंसा भड़काती हैं.

इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 2012 से 2017 के बीच 16,000 घंटे तक इंटरनेट बंद किया गया, इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को $3.04 बिलियन (21,000 करोड़ रुपये से अधिक) की चोट पहुंची.

दिल्ली के रहने वाले राकेश गुप्ता ने बताया कि इससे व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ा है. हर तरह के व्यापार में ऑनलाइन भुगतान किया जाता है, जो इंटरनेट बंद होने से नहीं हो पाया, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह जरूरी था.

एक अन्य व्यापारी ने कहा इंटरनेट का प्रभाव पूरी तरह से दिखाई दिया. इससे व्यापार में काफी नुकसान हुआ.

सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर शांशक मोहन ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से लगातार इंटरनेट खबरों में रहा. हम लोग 2012 से इंटरनेट बंद को ट्रैक कर रहे हैं. 2019 में बड़ी संख्या में इंटरनेट बंद किया गया है.

शशांक ने कहा कि इस वर्ष अगस्त के बाद से इंटनेट बंद की संख्या में असाधारण वृद्धि हुई है और नागरिकता संबंधित कानून आने के बाद उठे तूफान के दौरान तो सरकार इसे लगातार अंतराल पर बंद कर रही है.

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