नई दिल्ली : योग हजारों सालों से भी अधिक समय से प्रचलन में है. योग जीवन का एक समग्र तरीका है जो योग के प्राचीन ज्ञान के सभी तत्वों को एकीकृत करता है, ताकि प्रार्थनापूर्वक अनुशासनमय रहते हुए, शरीर, मन और आत्मा को एक कर सकें. योग की सुंदरताओं में से एक खूबी यह भी है कि बुढ़े, युवा, स्वस्थ या कमजोर सभी के लिए योग का शारीरिक अभ्यास लाभदायक है. योग एक प्रकार से सभी को उन्नति की ओर ले जाता है.
योग और इसका इतिहास
हम कह सकते हैं कि योग एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मन और शरीर के बीच सद्भाव लाने पर केंद्रित है. यह स्वस्थ जीवन जीने की एक कला है. योग के माध्यम से एक मनुष्य शारीरिक और मानसिक रू प से खुद को स्वस्थ्य रख सकता है. यह अभ्यास अपने आप में अद्भुत है.
प्राचीन काल में भारत में मन की स्थायी शांति और सच्चे आत्म अनुभव करवाने के उद्देश्य से योग की खोज हुई थी.
दरअसल संस्कृत के शब्द 'युज' से बना है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या आत्मा से मिलन.
बता दें कि योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है. हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहां लोग शरीर को मोड़ते, मरोड़ते, खींचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं. यह वास्तव में केवल मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता का खुलासा करने वाले इस गहन विज्ञान के सबसे सतही पहलू हैं, योग का अर्थ इन सब से कहीं विशाल है .
दरअसल, योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है.
माना जाता है कि जब मानव सभ्यता की शुरूआत हुई थी, तब से ही योग की प्रथा चली आ रही है. विद्वानों का मानना है कि योग की उत्पत्ति आज से हजारों वर्षों पूर्व हुई थी. हम भगवान शिव को प्रथम योगी या आदियोगी या फिर उन्हें प्रथम आदि गुरु मानते हैं.
हमें अपने पूर्वजों से यह मालूम है कि भगवान शिव ही आदियोगी हैं. उन्होंने ही सर्वप्रथम योग साधना की थी.
विदेशों लोकप्रिय हुआ योग
योग की यह प्राचीन शैली भारत से होते हुए विदेशों तक जा पहुंचा और इसका श्रेय हमारे गुरुओं को जाता है. स्वामी विवेकानंद जिन्होंने 19वीं सदी के अंत में और 20वीं सदी की शुरुआत में पश्चिम के देशों में जाकर योग का प्रचार-प्रसार किया. सन 1980 तक आते-आते पूरे विश्व में योग का प्रचार हो चुका था. योग पूरी दुनिया में शारीरिक व्यायाम की एक प्रणाली के तौर पर लोकप्रिय हो गया. हम आज योग के इस रूप को हठ योग कहते हैं.
योग साधना की बुनियादी बातें:
योग शरीर व मन की ऊर्जा के स्तर पर काम करता है. योग का नियमित अभ्यास शरीर में सकारात्मक बदलाव लाते हैं जिससे मजबूत मांसपेशियां, लचीलापन और अच्छा स्वास्थ्य शामिल है. इसलिए साधन योग का अभ्यास नियमित रूप से करते रहना चाहिए.
योग एक शरीर, मन, भावना और ऊर्जा के स्तर पर काम करता है.
चार श्रेणियां:
योग व्यक्ति के शरीर, मन, भावना और ऊर्जा के स्तर पर कार्य करता है. इसने चार व्यापक श्रेणियों को जन्म दिया है.
- कर्म योग: जहां हम शरीर का उपयोग करते हैं.
- ज्ञान योग: जहां हम मन का उपयोग करते हैं.
- भक्ति योग: जहां हम भावना (संवेग) का उपयोग करते हैं.
- क्रिया योग: जहां हम ऊर्जा का प्रयोग करते हैं.
बता दें कि, 21 जून 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव के बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था.
पीएम मोदी ने कहा-
योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है; विचार और कार्रवाई; संयम और पूर्णता; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य; स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण. यह व्यायाम के बारे में नहीं है, बल्कि स्वयं, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज करना है. हमारी जीवन शैली को बदलकर और चेतना पैदा करके, यह भलाई में मदद कर सकता है. आइए हम एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करें.
नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस प्रारंभिक प्रस्ताव के बाद, 14 अक्टूबर 2014 को UNGA ने "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" नामक मसौदा प्रस्ताव पर अनौपचारिक विचार-विमर्श किया था.
2015 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को चिह्नित करने के लिए 10 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन में 21 जून की तारीख का सुझाव दिया क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है और दुनिया के कई हिस्सों में एक विशेष महत्व रखता है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विचार पहली बार भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र ने 11 जून 2014 को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत ने जोरदार आयोजन कर दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना ली. भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बना 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज करा लिया है.
पहला रिकॉर्ड एक जगह पर सबसे अधिक लोगों के योग करने का बना, तो दूसरा कीर्तिमान बना एक साथ सबसे अधिक देशों के लोगों के योग करने का.
21 जून 2015 को दुनिया भर में योग का पहला अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया.
योग दिवस के आयोजन को सफल बनाने के लिए आयुष मंत्रालय पिछले दो महीने से कड़ी मेहनत कर रहा था. एक ही जगह पर सबसे बड़ी योग कक्षा का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए आयुष मंत्रालय ने अलग इंतजाम किए थे. उसी के प्रयासों का परिणाम था कि पीएम मोदी के साथ कुल 35,985 लोगों ने योग किया. इतना ही नहीं, 84 देशों के लोगों ने एक साथ योग किया गया, जो एक विश्व रिकॉर्ड है.
2016 का योग दिवस चंडीगढ़ में-
साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस पर करीब 30,000 लोगों को शामिल किया. उन्होंने इस दौरान योग से जुड़ी कई रोचक बातें भी बताईं. उन्होंने कहा- योग धार्मिक गतिविधि नहीं है, बल्कि स्वस्थ मन और शरीर को स्वस्थ रखने का एक तरीका मात्र है.
2017 में लखनऊ से योग दिवस-
भारत ने लखनऊ में योग दिवस 2017 को मनाया. यह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तीसरा संस्करण था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 51,000 प्रतिभागियों के साथ रमाभाई अम्बेडकर सभा स्टाल में योग किया था.
2018 का योग दिवस देहरादून से