दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

खत्म होने की कगार पर 'हिम तेंदुआ', जानें क्यों मंडरा रहा खतरा

हिम तेंदुआ विलुप्ति की कगार पर पहुंचता जा रहा है. हिमालयी राज्यों की शान हिम तेंदुआ को बचाने के लिए प्रशासन की कवायद जारी है. हिम तेंदुए के अस्तित्व के बढ़ते खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आज पूरे विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस मनाया जाता है.

By

Published : Oct 23, 2020, 1:03 PM IST

Updated : Oct 23, 2020, 3:15 PM IST

international-snow-leopard-day-2020
खत्म होने की कगार पर 'हिम तेंदुआ

हैदराबाद : वैश्विक स्तर पर हिम तेंदुए के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 23 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस मनाया जाता है, हिम तेंदुओं को हिमाचल प्रदेश के राजकीय पशु का दर्जा दिया गया है.

इसका उद्देश्य हिम तेंदुए के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है.

हिम तेंदुआ की आबादी में गिरावट (सौजन्य @snowleopards)

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों की शान कहे जाने वाले हिम तेंदुए का अत्यधिक ठंडी जगहों पर रहने के कारण इनका अध्ययन करना सबसे कठिन काम है.

हिम तेंदुआ का संरक्षण जरूरी (सौजन्य @snowleopards)

वैश्विक स्तर पर हिम तेंदुए के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 23 अक्टूबर को हिम तेंदुआ दिवस दिवस मनाया जाता है.

लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है दिवस (सौजन्य @snowleopards)

हिम तेंदुआ को बचाने के लिए दुनियाभर में चिंता जताई जा रही है. हिम तेंदुआ की आबादी में गिरावट के कई मुख्य कारण हैं-

मानव का निजी हित
हिम तेंदुओं की खाल के लिए किए जाने वाले अवैध शिकार, और हाल के वर्षों में उच्च हिमालय में मानवीय आवागमन से इनकी संख्या में कमी दर्ज की जा रही है.

हिम तेंदुआ के अस्तित्व को खतरा (सौजन्य @snowleopards)

मानव अपने निजी हित के लिए वन्य जीवों के क्षेत्र में अवैध प्रवेश बढ़ाता जा रहा है, जिसके कारण हिम तेंदुओं के जीवन पर संकट मंडराता जा रहा है.

वन्य जीवों के विभिन्न भागों, उत्पादों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का अवैध व्यापार भी संरक्षण की दिशा में चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय है.

भारत में हिम तेंदुए लगभग 1,30,000 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं. हिम तेंदुआ तीन से साढ़े चार हजार मीटर की ऊंचाई में नंदादेवी जैव विविधता क्षेत्र, गंगोत्री नेशनल पार्क, अस्कोट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी आदि क्षेत्रों में पाए जाते हैं.

हाल के अध्ययनों से संकेत मिलता है कि भारतीय हिम तेंदुए अपने प्राकृतिक आवास प्रति वर्ष 4.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करता है.

हिमालय की शान हिम तेंदुआ
हिम तेंदुए को हिमालय की शान माना गया है, जिसके कारण भारत सरकार ने हिम तेंदुए को हिमालय की प्रमुख प्रजाति में शुमार किया है.

हिम तेंदुए की प्रजाति के संरक्षण और रहने युक्त आवास स्थान की तर्जना को बनाए रखने के संयुक्त सहयोग में अधिनियम लागू किया गया है. हिम तेंदुए की सीमा वाले देशों की सरकारों ने प्रजातियों के लिए बेहतर भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प लिया है.

Last Updated : Oct 23, 2020, 3:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details