बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि चेन्नई और दिल्ली से राज्य में आने वाले लोगों को तीन दिन तक संस्थागत पृथक-वास में और उसके बाद 11 दिनों तक गृह पृथक-वास में रहना होगा. अभी तक महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को सात दिनों तक संस्थागत पृथक-वास में रखने का प्रावधान था और अन्य राज्यों से कर्नाटक आने वाले बिना लक्षण वाले लोगों के लिए संस्थागत पृथक-वास अनिवार्य नहीं था.
महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को गृह पृथक-वास में रहने को कहा गया था. येदियुरप्पा ने कहा, 'जो लोग महाराष्ट्र से आ रहे हैं, उन्हें सात दिन संस्थागत पृथक-वास में और बाकी के सात दिन गृह पृथकवास में रहना होगा, जबकि चेन्नई और दिल्ली से आने वाले लोगों को तीन दिन तक संस्थागत पृथक-वास में और 11 दिन गृह पृथक-वास में रहना होगा.'
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लिया गया है.येदियुरप्पा ने कहा, 'दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की वजह से कोविड-19 के मामले बढ़े हैं न कि राज्य के भीतर आवाजाही से, इसलिए हमें बाहर से आने वाले लोगों को नियंत्रित करना होगा, हमें उन्हें पृथक-वास में रखना होगा और उपायों को कड़ा करना होगा.'
कर्नाटक में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चर्चा के लिए शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद येदियुरप्पा पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.लॉकडाउन के सवाल पर उन्होंने कहा, 'राज्य में लॉकडाउन लागू करने की कोई योजना नहीं है और प्रधानमंत्री से हम और ढील देने का अनुरोध करेंगे.'