चित्तूर: पिता के पसीनों का मोल समझना आसान नहीं होता. हर पिता दिन रात एक करके अपने बच्चों को पालता है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाले प्रभाकर ने अपने पिता की विकट परिस्थितियों को न सिर्फ समझा, बल्कि उनका हल भी निकाला. उसने एक ऐसी मशीन तैयार की, जिससे आसानी से खेत में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली चिड़ियों और बंदरों को भगाया जा सके.
चित्तूर जिले में देवाडोडी गांव में चिड़िया और बंदर फसलों को खराब कर देते हैं. इनको रोकने के लिए लोग हाथों में थालियां लिए उसे डंडे से पीटते थे, जिससे आवाज होती और जानवर भाग जाते थे. रोजाना ऐसा करना आसान नहीं होता. ऐसी ही परिस्थिती से प्रभाकर के पिता को भी गुजरना पड़ता था. प्रभाकर ने ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का वोकेशनल कोर्स किया और अपनी पढ़ाई का सदोपयोग कर अपने पिता की समस्या का हल निकाला.