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पठानकोट एयरबेस पर बढ़ेगी IAF की ताकत, बेड़े में शामिल होंगे 8 अपाचे हेलिकॉप्टर - apache helicopters in iaf

AH-64E दुनिया के सबसे उन्नत हेलिकॉप्टरों में से एक है. अमेरिकी सेना इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करती है. इन हेलिकॉप्टरों को IAF में शामिल करने के लिए पठानकोट में एक समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ होंगे. जानें पूरा विवरण...

अपाचे एएच-64ई हेलिकॉप्टर

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Published : Sep 2, 2019, 6:42 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 4:56 AM IST

पठानकोटः भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए 8 अपाचे एएच-64ई हेलिकॉप्टर को शामिल किया जाएगा. यह अमेरिका निर्मित हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू हेलिकॉप्टर हैं.

गौरतलब है कि इन लड़ाकू हेलिकॉप्टर को शामिल करने के लिए पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में समारोह आयोजित किया जाएगा. इस समारोह के मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ होंगे.

उन्नत किस्म का हेलिकॉप्टर
एएच -64 ई अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है और अमेरिकी सेना द्वारा उड़ाया जाता है.

IAF अधिकारी ने दी जानकारी
वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आठ अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना में शामिल होने जा रहे हैं, जो कि बल की क्षमता को बढ़ाएंगे.

अमेरिकी सरकार से किया था अनुबंध
बता दें कि आईएएफ ने अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितंबर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था.

पहले ही सौंपे जा चुके पहले चार हेलिकॉप्टर
बोईंग द्वारा 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टरों में से पहले चार को एयर फोर्स को सौंप दिया गया था.

चार साल बाद हुई थी पहले बैच की डिलीवरी
हिंडन एयर बेस पर भारतीय वायुसेना के अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी लगभग चार साल बाद हुई थी, जब हेलिकॉप्टरों के लिए बहु-अरब डॉलर के सौदे को सील कर दिया गया था.

रक्षा मंत्रालय ने की 6 अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपए की लागत से बोइंग से 6 अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद की.

पढ़ेंः भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, रूस के साथ 1500 करोड़ रुपये का करार

लड़ाकू हेलिकॉप्टरों का होगा पहला बेड़ा
यह लड़ाकू विमानों का पहला ऐसा बेड़ा होगा जिसकी संख्या इतनी बड़ी है.

2020 तक भारतीय वायुसेना 22 अपाचे के बेड़ों का संचालन करेगी.

25 जुलाई 2018 को हुई थी पहली सफल उड़ान
भारतीय वायु सेना के लिए AH-64E अपाचे ने जुलाई 2018 में अपनी पहली सफल उड़ानों को पूरा किया.

भारतीय वायु सेना के दल के पहले बैच ने 2018 में अमेरिका में अपाचे को उड़ाने के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू किया.

भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया
आईएएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अपाचे बेड़े के अलावा बल की लड़ाकू क्षमताओं में काफी बढ़ोतरी होगी क्योंकि हेलिकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य के आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.

भारत अपनी सेना के लिए इसे चुनने वाला 14वां देश
बोइंग ने दुनिया भर के ग्राहकों के लिए 2,200 से अधिक अपाचे दिए हैं और भारत अपनी मिलिटरी के लिए इसे चुनने वाला 14 वां देश है.

AH-64E में नवीन टेक्नोलॉजी शामिल
एयरोस्पेस प्रमुख ने कहा कि AH-64E में नवीनतम प्रौद्योगिकी शामिल है, जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हमले के हेलीकॉप्टर के रूप में खड़ा है.

इसके अलावा यह कमांडर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से अनुकूल है.

Last Updated : Sep 29, 2019, 4:56 AM IST

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