दिल्ली

delhi

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की झारखंड से जुड़ी यादें...

By

Published : Oct 31, 2019, 9:02 PM IST

झारखंड से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कई यादें जुड़ी हैं. इंदिरा गांधी ने 1984 में जमशेदपुर से सटे सरायकेला खरसांवा में दूसरे दूरदर्शन प्रसारण केंद्र का उद्घाटन किया था. इसके साथ ही इंदिरा गांधी 1982 में टाटा स्टील द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शामिल हुईं थीं.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी

जमशेदपुर : देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था. इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा प्रधानमंत्री बनीं. उन्होंने राष्ट्र के संदर्भ में कई ऐसे फैसले लिये, जिनका वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक प्रभाव हुआ और भारत की पहचान एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरी. अपने कार्यकाल के दौरान इंदिरा गांधी कई बार तत्कालीन बिहार और अब झारखंड के दौरे पर आईं.

झारखंड से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कई यादें जुड़ी हैं. इंदिरा जी ने 1984 में जमशेदपुर से सटे सरायकेला खरसांवा में दूसरे दूरदर्शन प्रसारण केंद्र का उद्घाटन किया था. साथ ही वह 1982 में टाटा स्टील द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शामिल हुई थीं.

इंदिरा जी को उनके कई फैसलों की वजह से भारत की ‘जॉन ऑफ आर्क' और 'आयरन लेडी' भी कहा गया. इंदिरा गांधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए विश्व राजनीति के इतिहास में जानी जाती हैं.

उनका मानना था कि संतोष प्राप्ति से नहीं, बल्कि प्रयास से मिलता है और पूरा प्रयास पूर्ण विजय है. वो खुद पर यकीन करती थीं. इसी यकीन की बदौलत उन्होंने अपने कार्यकाल को भारतीय राजनीति और सत्ता का एक युग बना दिया.

इंदिरा गांधी ने अपने प्रयोगों को भारत के भविष्य की लकीर बना दी और बाद की राजनीतिक पीढ़ी को एक समृद्ध-चिंतनशील परंपरा विरासत में दी.

एक प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा जी अपने राजनीतिक हठ और सत्ता के अभूतपूर्व केंद्रीकरण के लिए जानी जाती थीं.

पढ़ें-इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि और सरदार पटेल की जयंती पर जुटे कांग्रेस नेता, दी गई श्रद्धांजलि

इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान 1975 से 1977 तक आपातकाल के साथ कई महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले लिये. साल 1980 में इंदिरा ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया, जिसके कारण उनके ही अंगरक्षकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details