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2020 में देश का रक्षा क्षेत्र हुआ और भी मजबूत, दुश्मनों की उड़ी नींद

2020 भले ही कई आपदाएं लेकर आया हो, लेकिन इन आपदाओं से निबटने में भारत के रक्षा क्षेत्र ने अहम भूमिका निभाई. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों द्वारा टेस्ट की गई मिसाइलों ने पुराने रिकॉर्ड तक तोड़ डाले. ऐसे में सेना ने बखूबी अपना परचम लहराया है. डीआरडीओ के इन मिसाइल परीक्षणों से दुश्मन देश भी थर-थर कांपने लगे हैं. आइये जानते हैं, कुछ प्रमुख मिसाइलों के बारे में...

एक उभरते सैन्य और रणनीतिक केंद्र
एक उभरते सैन्य और रणनीतिक केंद्र

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Published : Dec 31, 2020, 2:04 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 2:22 PM IST

हैदराबाद : एक उभरते सैन्य और रणनीतिक केंद्र भारत ने कोरोना महामारी में अपनी ताकत को दिखाया है. थल सेना से लेकर वायु सेना तक, नेवी से लेकर कोस्ट गार्ड तक, देश ने कई और उपलब्धियां हासिल की हैं. भारत ने कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं और 2020 में कई हथियार प्रणालियों का भी परीक्षण किया है. आइये एक नजर डालते हैं..

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलः इसके लैंड अटैक वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. इसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्र से किया गया.

रुद्रम -1: DRDO ने देश की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम -1' का सफल परीक्षण किया, जो किसी भी रेडियो फ्रीक्वेंसी लक्ष्य पर वार कर सकती है. इसमें फाइनल अटैक के लिए पैसिव होमिंग हेड के साथ आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन है.

रक्षा क्षेत्र हुआ और भी मजबूत

पृथ्वी -2: भारत ने ओडिशा में अपनी स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु सक्षम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. यह मिसाइल 500 से 1,000 KG के वॉहेड्स ले जाने में सक्षम है.

स्मार्ट:भारत ने सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का परीक्षण किया, जो एक ऐसी प्रणाली है, जो दुश्मन पनडुब्बियों को तब भी मार सकती है, जब वे टारपीडो रेंज से भी बाहर होती हैं.

शौर्य: भारत ने शौर्य मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसमें 700 KM से 1,000 KM की स्ट्राइक रेंज है और यह 200 KG से 1,000 KG तक के पेलोड ले जाने में सक्षम है.

नाग एटीजीएम: भारत ने राजस्थान में पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का फाइनल ट्रायल किया. डीआरडीओ द्वारा विकसित, यह 4 से 7 किमी. की दूरी पर लक्ष्य साध सकता है.

ATGM: स्वदेशी रूप से विकसित लेसर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण DRDO ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में किया. मिसाइल ने कई किमी दूर टार्गेट टैंक के परखच्चे उड़ा दिए थे.

HSTDV: अमेरिका, चीन और रूस के बाद HSTDV तकनीक वाला भारत चौथा देश बना. कई सिवीलियन फायदों के साथ इसकी खासियत यह भी है कि इससे छोटे सेटेलाइट्स को कम लागत में लॉन्च किया जा सकता है.

ABHYAS:डीआरडीओ ने सफलतापूर्वक अभ्यास लड़ाकू ड्रोन का परीक्षण किया. डीआरडीओ द्वारा विकसित इन वाहनों का इस्तेमाल अलग-अलग मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन के लक्ष्य के तौर पर किया जा सकेगा.

ब्रह्मोस एक्सटेंडेड रेंज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल: भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो 400-किमी. रेंज से अधिक के लक्ष्यों को साधने में सक्षम है. क्रूज मिसाइल की गति mach 2.8 है.

स्टैंड-ऑफ एंटी टैंक (सैंट) मिसाइल: इस मिसाइल का ओडिशा के तट से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. इसे डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना के लिए विकसित किया है.

MRSAM: ओडिशा के तट से दूर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से कुछ दूरी से मिसाइल (MRSAM) सेना संस्करण का पहला प्रक्षेपण सफलतापूर्वक किया गया. मिसाइल ने एरियल टार्गेट की धज्जियां उड़ा डालीं.

क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम) सिस्टम:एक अन्य परीक्षण में, क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम) सिस्टम ने लक्ष्य को सही ढंग से ट्रैक किया और सफलतापूर्वक हवाई टार्गेट को बेअसर कर दिया. इसका परीक्षण ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से किया गया.

पिनाका (PINAKA) रॉकेट सिस्टम का उन्नत संस्करण: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित पिनाका रॉकेट का ओडिशा के तट से दूर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है.

Last Updated : Dec 31, 2020, 2:22 PM IST

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