नई दिल्ली : सही मायनों में देश की अक्षुण्णता और संप्रभुता की रक्षा में भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में जवान पूरी दृढ़ता से डटे हैं, जबकि संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वार्ता जारी रहेगी.
सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने सेना को देश के 'सर्वाधिक विश्वसनीय व प्रेरक' संगठनों में से एक करार देते हुए कहा कि विपरीत मौसम और शत्रु बलों से भारत की क्षेत्रीय अक्षुण्णता की सुरक्षा करने वाले जवानों को सर्वश्रेष्ठ हथियार, उपकरण और अन्य साजो-सामान उपलब्ध कराना सरकार की राष्ट्रीय जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों में शून्य से भी नीचे तापमान में करीब 50 हजार भारतीय सैनिक फिलहाल उच्च स्तर की युद्ध तैयारी की स्थिति में तैनात हैं. भारत और चीन के बीच विवाद के समाधान के लिए हुई कई दौर की बाचतीच अब तक बेनतीजा रही हैं.
मंत्री ने यह भी कहा कि क्षमता विकास और सेना की अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिये बजट की कोई कमी नहीं होगी.
कमांडरों को संबोधित करने के बाद अपने ट्वीट में सिंह ने कहा कि 'सशस्त्र बलों की भुजाओं' को मजबूती देने के लिये सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी और वह सेना में सुधार सुगम करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे सभी क्षेत्रों में उसे बढ़त हासिल हो.
सिंह ने ट्वीट किया, 'नयी दिल्ली में आज सैन्य कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया. मौजूदा सुरक्षा माहौल में भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर मुझे बेहद गर्व है.'
सेना ने कहा कि रक्षा मंत्री ने बल को उच्च स्तरीय संचालनात्मक तैयारियों और क्षमताओं के लिये बधाई दी जिसका अनुभव उन्होंने हाल में अग्रिम मोर्चों के अपने दौरों में खुद किया.
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