नई दिल्ली : भारत और जापान के वैज्ञानिकों ने ग्लियोमा ब्रेन ट्यूमर के रोगियों के लिए सबसे प्रभावी उपचार चुनने में मदद के लिए एक उपकरण विकसित किया है. शोधकर्ताओं के अनुसार नई मशीन ब्रेन ट्यूमर का लगभग 98 प्रतिशत सटीक जानकारी के साथ निम्न या उच्च ग्रेड में वर्गीकृत कर सकेगा. शोधकर्ताओं ने आईईई एक्सेस नामक पत्रिका में यह जानकारी दी है.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी-आर) के शोधकर्ता बालसुब्रमण्यम रमन ने कहा, 'मस्तिष्क एमआरआई स्कैन से ग्लियोमा के स्तर की भविष्यवाणी करना अन्य अत्याधुनिक तरीकों से बेहतर है.'
शोधकर्ताओं के अनुसार ग्लिओमास एक सामान्य प्रकार का मस्तिष्क ट्यूमर है. यह ग्लियाल कोशिकाओं को प्रभावित करता है. इसके द्वारा न्यूरॉन्स इन्सुलेशन के लिए भेजता है.
ट्यूमर का उपचार गतिविधियों के आधार पर भिन्न होता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए सही इलाज करना महत्वपूर्ण है.
रेडियोलॉजिस्ट स्कैन किए गए ऊतक (टिश्यू) की 3डी छवि को फिर से सही करने के लिए एमआरआई स्कैन से बहुत बड़ी मात्रा में डेटा प्राप्त करते हैं.
एमआरआई स्कैन में उपलब्ध अधिकांश डेटा को नग्न आंखों द्वारा नहीं पहचाना जा सकता है, जैसे कि ट्यूमर के आकार, बनावट या छवि से संबंधित जानकारी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एल्गोरिदम इस डेटा को निकालने में मदद करते हैं.