नई दिल्ली : भारत ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान अंगीकार किया था. इस 70वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने कहा, भारत का संविधान नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों दोनों पर प्रकाश डालता है. यह हमारे संविधान का एक विशेष पहलू है.
पीएम मोदी ने कहा, अधिकारों और कर्तव्यों के बीच के इस रिश्ते और इस संतुलन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बखूबी समझा था.
उन्होंने कहा कि आज जब देश पूज्य बापू की 150वीं जयंती का पर्व मना रहा है तो उनकी बातें और भी प्रासांगिक हो जाती हैं.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें:-
- जनप्रतिनिधि होने के कारण खुद को भी एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना हमारा दायित्व बन जाता है.
- हमें समाज में सार्थक बदलाव लाने के लिए इस कर्तव्य को भी निभाना होगा.
- हमारी कोशिश होनी चाहिए कि अपने हर कार्यक्रम में, हर बातचीत में हम दायित्व पर फोकस करें.
- सेवाभाव, संस्कार और कर्तव्य हर समाज के लिए बहुत अहम हैं, लेकिन सेवाभाव से कर्तव्य अलग है.
- सेवाभाव किसी भी समाज को सशक्त करता है. उसी तरह कर्तव्यभाव भी बहुत अहम है.
- एक नागरिक के नाते हमें वो करना चाहिए, जिससे हमारा राष्ट्र शक्तिशाली बने.
- हमारा संविधान 'हम भारत के लोग' ( We the people of India) से शुरू होता है, हम भारत के लोग ही इसकी ताकत हैं, हम ही इसकी प्रेरणा हैं और हम ही इसका उद्देश्य हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित किए...
इसे भी पढ़ें- जानें, कितनी बार भारत का संविधान संशोधित किया गया
पीएम मोदी ने आह्वान किया, आइए हम इस बारे में विचार करें कि हम अपने संविधान में उल्लिखित कर्तव्यों को कैसे पूरा कर सकते हैं.
दरअसल आज देशभर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है. इस विशेष अवसर पर संसद के सेंट्रल हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के संयुक्त सत्र को संबोधित किए.