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पश्चिमी नेपाल में आश्रय शिविरों में फंसे 39 भारतीय श्रमिक - फंसे हैं 39 भारतीय श्रमिक

भारत से श्रमिक बेहतर जीवन यापन के उद्देश्य से काम की तलाश में नेपाल गए मजदूर फंस गए हैं. कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए दोनों देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर रखीं हैं, जिससे यह श्रमिक सीमाई क्षेत्र में फंसे हैं. जानें विस्तार से...

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प्रतीकात्मक चित्र

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Published : Apr 8, 2020, 12:17 AM IST

काठमांडू : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के मद्देनजर भारत नेपाल सीमा बंद किये जाने के कारण 39 भारतीय श्रमिक यहां फंस गये हैं और पश्चिमी नेपाल के झापा जिले में आश्रय शिविरों में पिछले एक पखवाडे से रह रहे हैं.

भारत में होली का त्यौहार मनाने के बाद ये श्रमिक बेहतर जीवन यापन के उद्देश्य से काम की तलाश में नेपाल आये थे. कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए दोनों देशों ने अपनी सीमायें बंद कर दी जिससे ये श्रमिक सीमाई क्षेत्र में फंस गये हैं.

नेपााल सरकार ने भारत से लौटे दो लोगों के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद भारत की सीमा से सटे पश्चिमी जिलों में लॉकडाउन को और सख्त कर दिया है .

नेपाल सरकार ने सोमवार को जारी लॉकडाउन को आठ दिन के लिए और बढा दिया है. देश में अब लॉकडाउन 15 अप्रैल तक रहेगा ताकि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने में सफलता मिले.

इस हिमालयी देश में अबतक नौ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं.

झापा जिले में एक स्कूल की इमारत में बने आश्रय शिविर में रहने वाले बिहार के ​कटिहार जिले के 60 वर्षीय श्रमिक असारू रिषि ने कहा, 'हम लोग पांच छह लोगों के छोटे समूहों में पृथक शिविर में रह रहे हैं. हम स्वयं बारी बारी से खाना बनाते हैं.'

उन्होंने बताया, 'चूंकि दोनों तरफ की सीमायें सील हैं इसलिये हमारे पास नेपाल की तरफ आश्रय शिविरों में रहने के अलावा कोई अन्य उपाय नहीं है. स्थानीय अधिकारियों ने हमें यहां ठहरने के लिए कहा है.'

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