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भारतीय कोविड-19 वैक्सीन का क्लीनिकल परीक्षण में बेहतर रिपोर्ट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने ईटीवी भारत से कहा कि टीके का बढ़े पैमाने पर खरीद और वितरण होगा.

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Published : Oct 6, 2020, 11:02 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने ईटीवी भारत से कहा कि कोविड-19 वैक्सीन विभिन्न हिस्सों में चल रहे क्लीनिकल ट्रायल में बेहतर प्रदर्शन कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि दो देशी टीके BBV152 और ZyCov-D वर्तमान में क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे चरण में हैं. उम्मीद की जाती है कि टीका अगले साल की शुरुआत तक उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा.

वैक्सीन BBV152 को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) द्वारा विकसित किया गया है. यह चरण पहले क्लीनिकल ट्रायल के हैमस्टर्स और रीसस मैकाक में समानांतर अध्ययन के साथ पूरा हो गया है. अधिकारियों ने कहा कि टीके के परीक्षण से उम्मीदवार पर इसके सुरक्षा का पता चला है. प्रतिरक्षण परीक्षण जारी है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि इसके ट्रायल का दूसरा चरण भी चल रहा है.

दूसरा वैक्सीन ZyCov-D को कैडिला हेल्थकेयर द्वारा विकसित किया गया है. इससे पूर्व क्लीनिकल ​​टॉक्सिसिटी का अध्ययन छोटे जानवरों चूहों, खरगोश और गिनी सूअरों में किया गया है. टीका सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक पाया गया है.

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चरण एक का क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है. परीक्षण से उम्मीदवार के टीके की उत्कृष्ट सुरक्षा का पता चला है. अधिकारियों ने कहा कि इम्यूनोजेनेसिटी परीक्षण प्रगति पर है. द्वितीय चरण का क्लीनिकल ट्रायल भी चल रहा है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने दो वैश्विक वैक्सीन उम्मीदवारों के क्लीनिकल ​​विकास के लिए भागीदारी की है.

ChAdOx1-S ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन उम्मीदवार SII द्वारा भारत में चरण द्वितीय और तृतीय क्लीनिकल ट्रायल में है. दिलचस्प बात यह है कि भारत सरकार स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के ​​लिए भी रूसी सरकार के साथ बातचीत कर रहा है.

सुरक्षित और प्रभावी टीका उपलब्ध कराने की कोशिश

इंडियन ड्रगमेकर डॉ. रेड्डीज लैब ने स्पूतनिक-वी के क्लीनिकल ट्रायल के साथ-साथ इसके वितरण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के साथ हाथ मिलाया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत के ड्रग रेगुलेटर ने निजी संस्था (डॉ. रेड्डीज) से कहा है कि वे भारत में क्लीनिकल परीक्षण करने के लिए और अधिक दस्तावेज प्रदान करें.

हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि सरकार और उद्योग कोविड-19 के लिए जल्द से जल्द एक सुरक्षित और प्रभावी टीका उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. टीका विकास में शामिल विभिन्न जटिल मार्गों के मद्देनजर एक सटीक समय अनुसूची देना मुश्किल है.

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गौरतलब है कि, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हाल ही में कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन भारत में अगले साल की शुरुआत में उपलब्ध होगी.
टीका वितरण के लिए केंद्र बड़े पैमाने पर एचआर, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण आदि में क्षमता निर्माण की योजना पर काम कर रहा है.

सरकार ने 400-500 मिलियन कोविड 19 खुराक प्राप्त करने और उपयोग करने की योजना बनाई है. हर्षवर्धन ने कहा कि हम जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को कवर करने का लक्ष्य रखते हैं.

महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने कहा बढ़े पैमाने पर होगा खरीद और वितरण

टीके के विकास पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (AHPI) के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्र सरकार बढ़े पैमाने पर वैक्सीन की खरीद और वितरण की योजना बना रही है.

हम वैज्ञानिक रूप से सभी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए इन टीकों का विकास कर रहे हैं. डॉ. ज्ञानी ने कहा कि भारत के सभी कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण स्थल आईसीएमआर द्वारा अनिवार्य प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं.

डॉ. ज्ञानी भारत सरकार के कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य भी हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय प्राथमिकता वाले आबादी समूहों को वैक्सीन प्राप्त करने के लिए एक प्रारूप भी तैयार कर रहा है.

जिसमें फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता, वरिष्ठ नागरिक को टीका वितरण में पहली वरीयता मिलेगी.

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