हैदराबाद: भारत अगले महीने रूस में होने वाले बहुपक्षीय वॉर गेम यानी युद्धाभ्यास में अपनी तीनों सेनाओं की एक टुकड़ी को भेजेगा. कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद भारत पहली बार किसी मेगा मिलिट्री ड्रिल में हिस्सा लेने जा रहा है.
कावकाज 2020 स्ट्रैटजिक कमांड पोस्ट एक्सर्साइज में भारत के अलावा चीन, पाकिस्तान और शंघाई सहयोग संगठन के तरीबन 20 देश हिस्सा लेंगे.
यह मेगा मिलिट्री ड्रिल दक्षिणी रूस के अस्त्राखन इलाके में 15 सितंबर से 27 सितंबर तक चलेगा. भारत-चीन के सैनिक आतंकवाद को रोकने के लिए मिलिट्री ड्रिल में एक साथ अभ्यास करेंगे.
यह सैन्य अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है, जब पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच गतिरोध जारी है. इसके मद्देनजर दोनों देशों ने सीमा रेखा पर तरीबन 100,000 सैनिक तैयार किए हैं. इतना ही नहीं दोनों देशों ने सीमा रेखा पर मिसाइलें तथा अन्य सुरक्षा उपरकण भी तैनात किए हैं.
बता दें कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. इस झड़प में चीन के तरीबन 43 सैनिक हताहत हुए थे. हालांकि चीन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की है.
भारत और चीन दोनों ने कावकाज 2020 (Kavkaz 2020) में भाग लेने की इच्छा जताई है. यह इस बात की संकेत देता है कि दोनों देश रूस के करीबी हैं. दोनों देशों का एक साथ भाग लेना रूस की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगा, क्योंकि हाल में ही भारत और चीन ने सीमा विवाद को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्ता की पेशकश को ठुकरा दिया था.
पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए भारत-चीन के बीच बैठकों का दौर चल रहा है, लेकिन अब तक सीमा पर तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव चल सकता है.