पटना :कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में हजारों लोगों अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. भारत में भी इसके कई मामले सामने आए हैं. कोरोना की चपेट में ज्यादातर वही लोग आ रहे हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित करने का तरीका मौजूद है.
वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित करता है स्वर्ण प्राशन
आयुर्वेद हमारे जीवन के 16 संस्कारों में शामिल है. इन्हीं में से एक है 'स्वर्ण प्राशन'. इससे बचपन से ही मनुष्य के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
विलुप्त हो चुके स्वर्ण प्राशन को किया जा रहा पुनर्जीवित
इस विलुप्त हो चुके स्वर्ण प्राशन को अब दरभंगा राजकीय महाराजा कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय में डाबर इंडिया लिमिटेड के सहयोग से पुनर्जीवित किया गया है. आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मधुसूदन द्विवेदी ने ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव से बात करते हुए स्वर्ण प्राशन की विस्तार से जानकारी दी.