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चीन से मुकाबला करने को संयुक्त रूप से तैयार थल और वायुसेना

भारतीय थल और वायुसेना संयुक्त से पूर्वी लद्दाख में चीन के खिलाफ युद्ध लड़ने की तैयारी में जुटी है. इसलिए वायुसेना के कार्गो विमानों से एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए राशन और आपूर्ति पहुंचाई जा रही है.

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Published : Oct 4, 2020, 7:05 PM IST

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भारत चीन सीमा विवाद

लेह : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनातनी के बीच भारतीय थल और वायुसेना संयुक्त रूप से चीनी सेना के खिलाफ युद्ध लड़ने की तैयारी कर रही हैं.

वर्तमान में लेह हवाई क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के C-17, इल्यूशिन-76 और C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान उड़ते देखे जा सकते हैं. इन विमानों के जरिए एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए राशन और आपूर्ति पहुंचाई जा रही है.

लद्दाख क्षेत्र में तैनात वायुसेना के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि वायुसेना मुख्यालय से स्पष्ट निर्देश हैं कि पूर्वी लद्दाख में सेना और अन्य सुरक्षा बलों की सभी आवश्यकताएं पूरी की जाएंगी और इसके परिणाम यहां दिख रहे हैं.

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया दोनों एनडीए के दिनों से ही परिचित हैं और तब से अच्छे दोस्त हैं.

अग्रिम मोर्चे पर तैनात सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इन दिनों रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत, जनरल नरवणे और एयर चीफ मार्शल भदौरिया अक्सर चर्चा करते हैं और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए योजनाएं बनाते हैं. साथ ही तैयारियों को लेकर समीक्षा में जुटे हैं. एलएसी पर दोनों सेनाएं संयुक्त रूप से काम कर रही हैं.

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थल सेना (जो चीनी के खिलाफ हर चुनौती के लिए तैनात है) भी नियमित रूप से भारतीय वायुसेना को सीमा पर वास्तविक स्थिति से अपडेट कर रही है. साथ ही दोनों सेनाओं ने एलएसी पर स्थिति और बिगड़ने की स्थिति में संयुक्त रूप से कुछ ऑपरेशन की योजना बनाई है.

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