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जनरल बिपिन रावत बोले - मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं सशस्त्र बल - राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से मानवाधिकार के कानून को ध्यान में रख कर काम करती है और यह पूरी तरह से निरपेक्ष है. पढ़ें पूरी खबर.

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बिपिन रावत

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Published : Dec 27, 2019, 6:41 PM IST

Updated : Dec 27, 2019, 6:52 PM IST

नई दिल्ली : थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना बहुत ही अनुशासन में रहती है. उन्होंने आगे कहा कि सशस्त्र बल मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते है और उन्होंने न केवल देश के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा की है बल्कि अपने दुश्मनों के अधिकारों की रक्षा भी की है.

जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना इंसानियत, शराफत के मूलमंत्र पर काम करती है. यह पूरी तरह से निरपेक्ष है.

थल सेना प्रमुख ने कहा, 'भारतीय सशस्त्र बल बेहद अनुशासित हैं और वे मानवाधिकार कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं. भारतीय सशस्त्र बल न केवल अपने लोगों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हैं, बल्कि युद्धबंदियों के साथ भी जिनेवा संधि के अनुसार व्यवहार करते हैं.'

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जनरल रावत यहां मानवाधिकार भवन में 'युद्धकाल और युद्धबंदियों के मानवाधिकारों का संरक्षण' विषय पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रशिक्षुओं और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय ने 1993 में मानवाधिकार प्रकोष्ठ का निर्माण किया.

Last Updated : Dec 27, 2019, 6:52 PM IST

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