वाशिंगटन : कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का उपचार करने के दौरान डॉ. माधवी अया स्वयं संक्रमण की चपेट में आ गईं. दुर्भाग्य यह रहा कि जीवन के अंतिम समय में पति व बेटी से मिलने की उनकी तमन्ना भी अधूरी रह गई और वह इस दुनिया को अलविदा कह गईं.
डॉ. माधवी (61) 1994 में अपने पति के साथ अमेरिका आई थीं. मार्च में एक कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति का इलाज करने के दौरान वह कोविड-19 से संक्रमित हो गई थीं. उनका न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में पिछले सप्ताह निधन हो गया. वह जीवन के अंतिम समय में केवल मोबाइल के जरिये ही अपने परिवार से संपर्क कर सकती थीं.
अमेरिका में डॉ. माधवी जैसे न जाने कितने भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक हैं, जो कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार करते हुए स्वयं संक्रमित हो गए और इनमें से कई चिकित्सकों की जान चली गई है तथा कई गंभीर रूप से बीमार हैं.
स्थानीय समाचार पत्र सन-सेंटिनल ने कहा कि अया के मोबाइल के जरिए भेजे गए संदेश और उनके अंतिम दिनों के बारे में उनके परिवार के बयान दर्शाते हैं कि वह ऐसी महिला थीं, जिन्होंने अपना जीवन चिकित्सा के लिए समर्पित कर दिया और कोविड-19 के मरीज के रूप में उनका निधन हुआ.
भारतीय अमेरिका समुदाय के नेताओं ने कहा कि सदी के इस बड़े संकट के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक संक्रमित हुए हैं और इनमें से कई चिकित्सकों की इस वायरस के कारण मौत हो गई है. संक्रमित हुए अधिकतर भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से बताए जा रहे हैं.
डॉ. रजत गुप्ता (बदला हुआ नाम) इस महीने की शुरुआत में न्यू जर्सी के एक अस्पातल के आपात कक्ष में कोरोना वायरस से एक मरीज की जांच कर रहे थे. तभी मरीज को उल्टी आ गई और उसने डॉ. गुप्ता के चेहरे पर उल्टी कर दी. इसके बाद डॉ. गुप्ता बीमार पड़ गए और कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. पुरजोर कोशिशों के बावजूद चिकित्सक उनकी जान नहीं बचा सके.
भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सकों के संघ (एएपीआई) के सचिव रवि कोहली ने कहा, संक्रमित चिकित्सकों की सटीक संख्या जानना मुश्किल है. कम से कम 10 चिकित्सक गंभीर रूप से बीमार हैं.