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ड्रोन भेदी तकनीक पर काम कर रही भारतीय एजेंसियां, जानें मकसद

देश में छह लाख से अधिक विभिन्न आकार और क्षमताओं के बिना नियमन वाले ड्रोन वर्तमान में मौजूद हैं. लेकिन सुरक्षा एजेंसियां आधुनिक ड्रोन भेदी हथियारों जैसे 'स्काई फेंस' और 'ड्रोन गन' आदि पर काम कर रही हैं. जानें क्या है इनका मकसद...

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Published : Sep 29, 2019, 6:00 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 11:56 AM IST

नई दिल्ली: भारत में छह लाख से अधिक बिना नियमन वाले मानवरहित हवाई वाहन (UAV) हैं. इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियां आधुनिक ड्रोन भेदी हथियारों जैसे 'स्काई फेंस' और 'ड्रोन गन' आदि पर काम कर रही हैं. इनका मकसद हवाई प्लेटफॉर्म से किए जाने वाले आतंकवादी या इस तरह की विध्वंसक गतिविधियों का निपटारा करना है. आधिकारिक सूत्रों ने आज यह जानकारी दी.

केंद्रीय एजेंसियों ने इस बारे में एक आधिकारिक रूपरेखा तैयार की है. इसमें बताया गया है कि बिना नियमन वाले ड्रोन, यूएवी और सुदूर संचालित विमान प्रणाली महत्वपूर्ण ठिकानों, संवेदनशील स्थानों और विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए 'संभावित खतरा' हैं और उनसे निपटने के लिए 'उचित समाधान' की जरूरत है.

छह लाख से अधिक ड्रोन देश में मौजूद
इन एजेंसियों द्वारा डाटा आकलन अध्ययन में कहा गया है कि छह लाख से अधिक विभिन्न आकार और क्षमताओं के बिना नियमन वाले ड्रोन वर्तमान में देश में मौजूद हैं और विध्वंसकारी ताकतें अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए उनमें से किसी का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां सतर्क
सऊदी अरब की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी पर हाल में ड्रोन से किया गया हमला और पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पार से यूएवी के माध्यम से हथियार गिराए जाने से सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.

ड्रोन भेदी तकनीक पर एजेंसियों की कड़ी नजर
ये एजेंसियां कुछ ड्रोन भेदी तकनीक पर गौर कर रही हैं, जिसमें स्काई फेंस, ड्रोन गन, एटीएचईएनए, ड्रोन कैचर और स्काईवाल 100 शामिल है, ताकि संदिग्ध घातक रिमोट संचालित प्लेटफॉर्म को पकड़कर निष्क्रिय किया जा सके.

ये भी पढ़ें:ड्रोन की गतिविधियों पर गृह मंत्रालय ने केंद्रीय एजेंसियों से जवाब मांगा

इंडियन पुलिस जर्नल में कहा गया...
आईपीएस अधिकारी और राजस्थान पुलिस में अतिरिक्त महानिदेशक पंकज कुमार सिंह की इंडियन पुलिस जर्नल में हाल में प्रकाशित पत्र 'ड्रोन्स : ए न्यू फ्रंटियर फॉर पुलिस' में इस नई तकनीक के बारे में बताया गया है.

जानें क्या है ड्रोन की खासियतें
पत्र में बताया गया है कि ड्रोन गन रेडियो, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और ड्रोन तथा पयलट के बीच मोबाइल सिग्नल पकड़ने और ड्रोन द्वारा नुकसान पहुंचाने से पहले उसे नष्ट करने में सक्षम है. पत्र में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में डिजाइन किए गए इस हथियार का प्रभावी रेंज दो किलोमीटर है.

इसमें बताया गया है कि किसी घातक ड्रोन को रोकने का एक और समाधान स्काई फेंस प्रणाली है, जो उसके उड़ान पथ को रोककर लक्ष्य तक पहुंचने से रोकता है.

अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोन भेदी हथियारों का प्रोटोटाइप हाल में हरियाणा के भोंडसी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर के पास खुले खेत में दिखाया गया. ड्रोन भेदी प्रौद्योगिकी पर पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के तहत इनका प्रदर्शन किया गया.
आपको बता दें, बेंगलुरु की कंपनी बीईएमएल और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया एवं अन्य ने इस क्षेत्र में उपलब्ध नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया.'

(पीटीआई इनपुट)

Last Updated : Oct 2, 2019, 11:56 AM IST

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