दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

वर्ष 2100 में भारत की आबादी घटकर होगी 109 करोड़, जीडीपी में नंबर तीन - साल 2100 में भारत की जीडीपी बढ़ेगी

सबसे बड़ी कार्यशील जनसंख्या होने के कारण साल 2100 में भारत की जीडीपी बढ़ेगी और भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल हो जाएगा. चीन और भारत में श्रमिकों की संख्या में भारी गिरावट का अनुमान लगाया गया है. 2100 में अनुमान है कि भारत सबसे अधिक कामकाजी उम्र की आबादी वाला देश होगा, जिसके बाद नाइजीरिया, चीन और अमेरिका का नाम आता है.

लैंसेट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीज
लैंसेट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीज

By

Published : Jul 17, 2020, 8:05 PM IST

हैदराबाद : लैंसेट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीज ने 195 देशों की आबादी पर प्रजनन, मृत्यु दर, प्रवास और जनसंख्या के आधार पर एक शोध किया है, जिसमें बताया गया है कि 2017 से 2100 के बीच विश्व आबादी की प्रकृति कैसी रहेगी. शोध में बताया गया है कि भविष्य में जनसंख्या के स्तरों में संभावित प्रतिमानों को समझना जरूरी है ताकि बदलती संरचनाओं पर ध्यान दिया जा सके. इसके अनुसार संसाधनों और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की पूर्ति की जा सके और पर्यावरणीय और आर्थिक परिदृश्यों में पूर्वानुमान लगाना और योजना बनाना आसान हो सके.

भविष्य में आबादी के आकार का आकलन करने में प्रजनन पैटर्न एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. पर यह अनुमान और पूर्वानुमान की पर्याप्त अनिश्चितता से घिरे हुए हैं, जिससे वैश्विक जनसंख्या अनुमानों में महत्वपूर्ण अंतर आएगा. इस शोध में मृत्युदर, प्रजनन क्षमता, प्रवासन और जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए नए तरीके अपनाए गए हैं. भविष्य के जनसांख्यिकी बदलावों के संभावित आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभावों का भी आकलन किया गया है. कई देशों में जनसंख्या के आकार और आयु संरचना बदलने से गहरे आर्थिक, सामाजिक और भू राजनीतिक प्रभाव पड़ सकते हैं.

2017 से 2100 तक भारत की प्रजनन, मृत्यु दर, प्रवास और जनसंख्या परिदृश्य पर एक नजर

  1. वर्ष 2100 में कुल वैश्विक प्रजनन दर 1.66 होने का अनुमान है.
  2. वर्ष 2064 में वैश्विक जनसंख्या के अधिकतम स्तर 9.73 बिलियन पर पहुंचने का अनुमान है लेकिन 2100 दुनिया की जनसंख्या घटकर 8.79 बिलियन हो सकती है.
  3. वहीं 2100 में भारत की जनसंख्या 1.09 बिलियन (109 करोड़), नाइजीरिया की 791 मिलियन (79.1 करोड़), चीन की 732 मिलियन (73.2 करोड़), संयुक्त राज्य अमेरिका की 336 मिलियन (33.6 करोड़) और पाकिस्तान की 248 मिलियन (24.8 करोड़) होने का अनुमान है.
  4. 2019 में भारत की प्रजनन दर 2.1 से नीचे थी. अनुमान है कि 2040 तक कुल प्रजनन दर में गिरावट जारी रहेगी और 2100 में यह 1.29 तक आ जाएगी.
जनसंख्या (मिलियन में) कुल प्रजनन दर
2017 2100 संभावित परिदृश्ट 2100 एसडीजी गति परिदृश्य

अधिकतम जनसंख्या

(साल)

2017 2100 संभावित परिदृश्य 2100 एसडीजी गति परिदृश्य
भारत

1380·56

(1235·54–1535·78)

1093·15

(724·48–1714·29)

929·87

(663·75–1443·47)

1605·60 (2048) 2·14 (1·93–2·39) 1·29 (0·99–1·89) 1·24 (0·98–1·8)

प्रवासन परिदृश्य :

वर्ष 2100 में 195 देशों में से 118 देश और क्षेत्रों में प्रवासन दर प्रति 1000 जनसंख्या पर -1 से 1 के बीच होगा. 44 देशों में प्रवासन दर प्रति 1000 जनसंख्या पर -2 से 2 के बीच होगा.

वर्ष 2100 में सबसे ज्यादा एक देश से दूसरे देश जाने वाले लोगों में संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और चीन के होंगे और जिन देशों में सबसे ज्यादा प्रवासी होंगे वे हैं सोमालिया, फिलीपींस और अफगानिस्तान.

मृत्यु दर परिदृश्य :

सबसे बड़ी आबादी वाले दस देशों में चीन, बांग्लादेश, ब्राजील, इथियोपिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और नाइजीरिया के संदर्भ में साल 2100 में सबसे ज्यादा जीवन प्रत्याशा अनुमान लगाया गया है. दस बड़े देशों में पाकिस्तान, भारत और इंडोनेशिया में सबसे कम जीवन आयु होने का अनुमान है. यहां लोग 76 से करीब 80 साल तक के बीच जी सकते है.

चीन और भारत की जनसंख्या 2050 से पहले चरम पर होगी और इसके दोनों देशों की जनसंख्या में गिरावट की स्थिति आएगी. साल 2100 में चीन अपनी में जनसंख्या से गिरकर 51.1 प्रतिशत पर आ जाएगी, वहीं भारत की जनसंख्या गिरकर 68.1 प्रतिशत पर आ जाएगी.

लैंसेट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीज स्टडी एनालिसिस

आर्थिक परिदृश्य :

सबसे बड़ी कार्यशील जनसंख्या होने के कारण वर्ष 2100 तक भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) बढ़ेगी और भारत जीडीपी के मामले में दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल होगा.

चीन और भारत में श्रमिकों की संख्या में भारी गिरावट का अनुमान लगाया गया है.

अनुमान है कि वर्ष 2100 में भारत सबसे अधिक कामकाजी उम्र की आबादी वाला देश होगा, जिसके बाद नाइजीरिया, चीन और अमेरिका का नाम आता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details