नई दिल्लीः केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्वीकार किया कि भारत में 29.3 प्रतिशत भूमि क्षरण से प्रभावित है.
उन्होंने सोमवार को कहा कि उनका मंत्रालय इस मामले में सभी आवश्यक योगदानों के साथ इसे बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत इस संकट से मुकाबला करने में उदाहरण प्रस्तुत करके नेतृत्व प्रदान करेगा.
जावड़ेकर ने यह घोषणा भी की कि भारत भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण के मुद्दों को हल करने के लिए इस वर्ष कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज के 14 वें सत्र की मेजबानी करेगा, जो 'यूनाइटेड नेशन्स कन्वेन्शन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन' (यूएनसीसीडी) के तत्वावधान में होता है.
जावडेकर ने 'विश्व मरूस्थलीकरण' के विरूद्ध लड़ाई और 'सूखा दिवस' के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, दुनिया में संकट है कि एक समय उपजाऊ रही भूमि अब उपजाऊ नहीं है. जहां जंगल हुआ करते थे, वहां अब जंगल नहीं हैं. हम भूमि के क्षरण पर चर्चा कर रहे हैं.