नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच बुधवार को गृह मंत्री स्तर की वार्ता की सातवीं बैठक हुई. गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष को उनके देश में शरण लिए हुए म्यांमार के नागरिकों के सुरक्षित और शीघ्र वीपसी के लिए भारत के सतत समर्थन का भरोसा दिलाया. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत नेहितधारकों (stakeholders) बात की.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि भारत सरकार को प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए ... हम चाहते हैं कि जो लोग 25 मार्च 1971 के बाद भारत आए हैं, उन्हें वापस बांग्लादेश भेजा जाए.' उन्होंने सरकार से बांग्लादेश के साथ प्रत्यावर्तन संधि पर हस्ताक्षर करने की भी अपील की है.
भारत को बांग्लादेश के साथ अवैध बांग्लादेशियों के वापसी पर बातचीत जरूरी आपको बता दें कि 70 के दशक के उत्तरार्ध में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ असम आंदोलन छेड़ा था.
इसी को देखते हुए, असम लोक निर्माण (APW) के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने बांग्लादेशी गृह मंत्री के साथ अवैध अप्रवासियों के मुद्दे को उठाकर सही निर्णय लिया है.
असम विधानसभा में विपक्षी नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि सरकार को भारत में अवैध प्रवासियों से संबंधित सभी दस्तावेज बांग्लादेश सरकार को सौंपने चाहिए.
आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बांगलादेशी समकक्ष के साथ बैठक की. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बांग्लादेश के गृह मंत्री असद- उज-जमा खान ने की.
गृह मंत्री अमित शाह ने बांग्लादेश के समक्ष अवैध घुसपैठ को लेकर चिंता जाहिर की है. बैठक के दौरान द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. शाह ने बांग्लादेश में शरण लिए हुए म्यांमार के नागरिकों के सुरक्षित और शीघ्र वीपसी के लिए भारत के सतत समर्थन का भरोसा दिलाया.
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शाह ने विशेष रुप से पूर्वोत्तर भारत में इस समस्या का समाधान खोजने के मद्देनजर सीमा पार से लोगों की अवैध घुसपैठ के बारे में भारत की चिंता को साझा किया. आपको बता दें कि यह बैठक 31 अगस्त को असम में राष्ट्रीय नागरिक नागरिक पंजी की अंतिम सूची के प्रकाशक से पहले हुई है. ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने इस कदम का स्वागत किया.
दोनों मंत्रियों ने सीमा को मित्रवत बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई और इस संबंध में दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच करीबी सहयोग की सराहना की. गृह मंत्री ने बांग्लादेश की उस नीति की सराहना कि जिसके मुताबिक वह कट्टरपंथियों और उग्रवादियों को उसके भूभाग का इस्तेमाल भारत समेत दूसरे देशों में हिंसा फैलाने के लिए नहीं करने देगा.