नई दिल्ली :भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान द्वारा लगाए गए यूएन काफिले पर हमले के आरोपों का झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए सेना के जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक के मेहता ने कहा कि यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान ने भारत पर संयुक्त राष्ट्र सैन्य समूह (UNMOGIP) को निशाना बनाने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि यह या तो संघर्ष विराम के उल्लंघन मामले में भारत को कटघरे में खड़ा करने की पाकिस्तान की कोशिशों का हिस्सा है और यह सच है कि पाकिस्तान, भारत के खिलाफ एक डोजियर तैयार कर रहा है, जिसमें उसने अपनी धरती पर हुए हमलों के लिए भारत या भारतीय एजेंट्स को जिम्मेदार ठहराया है. इसलिए यह पाकिस्तान की साजिश का हिस्सा है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने एक 'गैर जिम्मेदार देश' के रूप में पेश किया जाए.
जनरल मेहता ने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि भारतीय सेना पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले संघर्ष विराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब देती है, इसलिए हो सकता है कि जवाबी फायरिंग के कारण यह हादसा हुआ हो.
मेहता ने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि जीप को निशाना बनाया गया है, यह मनगढ़ंत कहानी का हिस्सा हो सकता है, हालांकि यह हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा भारत को नीचा दिखाने के लिए किया गया है.
वर्ष 2021 में भारत द्वारा यूएनएससी की अध्यक्षता के संदर्भ में बोलते हुए, मेहता ने कहा कि यह प्रयास या तो उन कार्यों में से एक हो सकता है, जो भारत को नीचा दिखाने के लिए पाकिस्तान द्वारा किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब पाकिस्तान को UNMOGIP को शामिल करने का मौका मिला है, इसलिए इस मामले में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए तथ्यों को सत्यापित करने की आवश्यकता है.
महता ने बताया कि भारत ने भले ही आरोपों को खारिज कर दिया हो, लेकिन पाकिस्तान इस मुद्दे को 'अंतरराष्ट्रीय मीडिया' में लेकर जा सकता है और उन्हें दिखा सकता है कि जीप में दो विदेशी UNMOGIP सदस्य हैं, जो विदेशी अधिकारी हैं. वह इसे साबित कर सकता है कि सीमा रेखा से हुए संघर्ष विराम उल्लंघन में जीप को निशाना बनाया गया है.
सूत्रों के अनुसार साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने दावा किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चिरिकोट सेक्टर के सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय बलों द्वारा गोलीबारी की घटना में संयुक्त राष्ट्र के काफिले का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया.
हालांकि, भारत ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय पक्ष की ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई थी. भारत ने कहा कि शुक्रवार सुबह वहां भारतीय पक्ष की ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई, जिसका पाकिस्तान द्वारा दावा किया गया है. भारत का कहना है कि दोनों देशों को संयुक्त राष्ट्र के काफिले के आने की सूचना पहले से ही दे दी गई थी. ऐसे में फायरिंगा का सवाल ही नहीं उठता.
सूत्रों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के वाहनों पर हमले के संबंध में पाकिस्तान की ओर से आ रही रिपोर्ट्स तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से गलत हैं. शुक्रवार को इस क्षेत्र में भारत की तरफ से कोई गोलीबारी नहीं हुई. चूंकि संयुक्त राष्ट्र के वाहनों की आवजाही पहले से पता थी, इसलिए इस तरह की गोलीबारी का सवाल ही नहीं उठता. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं.
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इस बीच, पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने इस घटना को निंदनीय कहा और इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने भी ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा कि चिरिकोट सेक्टर में भारतीय बलों की गोलीबारी का सहारा लिया और संयुक्त राष्ट्र के एक वाहन पर जानबूझकर लक्षित कर दो सैन्य पर्यवेक्षकों को निशाना बनाया.
भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और संयुक्त राष्ट्र निष्कर्षों का इंतजार कर रहा है.
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त अरब अमीरात में शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत अपने आंतरिक मामलों से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बना रहा है.
बता दें कि 2016 में भारत ने सीमा पार आतंकवाद में लिप्त पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी लॉन्च पैड के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था.