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चीन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने भारत को सौंपी खास चीज - cold weather clothing

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना डटकर चीनी सेना के हर एक वार का जवाब दे रही है. वहीं, अब भारत की सीमाओं को चीन से सुरक्षित रखने के साथ-साथ, उससे मुंहतोड़ मुकाबले के लिए अमेरिका ने भारत को एक ऐसी वस्तु दी है, जो भारतीय सेना का सुरक्षा कवच बन चुकी है.

India receives
चीन से मुकाबला

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Published : Nov 3, 2020, 7:45 PM IST

नई दिल्ली :वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन का मजबूती के साथ मुकाबला करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत की मंशा का समर्थन किया है. वहीं, अमेरिका भारतीय सेना को और शक्तिशाली बनाये रखने के लिए उन्हें एक ऐसी चीज सौंप रही है, जो ऊंची चोटियों पर कड़ाके की ठंड के बीच सुरक्षित रखने का काम करेगी.

भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात अपने सैनिकों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से अत्यधिक ठंड से बचने वाले वस्त्र खरीदे हैं, जिसकी पहली खेप अमेरिका ने भारत को सौंप दी है. बता दें कि कड़ाके की ठंड से बचने के लिए उच्च गुणवत्ता के कपड़ों का पहला लॉट भारत को मिल चुका है.

कड़ाके की ठंड में बनेगा सुरक्षा कवच
सरकारी सूत्रों ने मीडिया को बताया कि, अमेरिकी रक्षा बलों ने भारतीय सैनिकों को मौसम के शुरुआती अत्यधिक ठंड से लड़ने वाले कपड़े मुहैया करवाये हैं. जिसका भारतीय सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना सियाचिन और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के पश्चिमी मोर्चों पर तैनात सैनिकों के लिए ठंड के मौसम से लड़ने वाले कपड़ों के 60,000 जोड़े का भंडारण कर रही है.

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क्षेत्र में करीब 90,000 सैनिक तैनात
इस वर्ष, लगभग 30,000 के अतिरिक्त जोड़ों की आवश्यकता थी, क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की आक्रामकता को देखते हुए इस क्षेत्र में 90,000 के करीब सैनिक तैनात हैं. अत्यधिक ठंडे मौसम के कपड़ों के आपातकालीन अधिग्रहण से भारतीय सेना के जवानों को लद्दाख सेक्टर में कंपकपाती ठंड से लड़ने में मदद मिलेगी.

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एलएसी पर दो अतिरिक्त डिवीजन तैनात
भारतीय पक्ष ने एलएसी पर दो अतिरिक्त डिवीजनों को तैनात किया है, जो कि मैदानों और एक पर्वत विभाजन से क्षेत्र में लाए गए हैं, जो कई वर्षों से उच्च-ऊंचाई के संचालन के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं. वहीं, भारत को अमेरिका से कई उपकरण भी मिल रहे हैं.

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