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कोरोना से लड़ाई में हमारे प्रयासों को धार्मिक रंग न दे यूएससीआईआरएफ - भारत

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Published : Apr 16, 2020, 12:52 PM IST

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया के साथ ही भारत भी जूझ रहा है. हालंकि भारत में अभी यूरोप और अमेरिका की तुलना में स्थिति नियंत्रण में है. भारत एक के बाद एक त्वरित कार्रवाई कर वायरस के फैलाव को रोकने के पूरे प्रयास में जुटा हुआ है. लेकिन यूएससीआईआरएफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भारत के प्रयासों को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है, जिसका भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव

नई दिल्ली : भारत ने 'अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग' (यूएससीआईआरएफ) की आलोचना को खारिज किया और कहा कि उसकी आलोचना इस 'गुमराह' करने वाली रिपोर्ट पर आधारित है कि अहमदाबाद में कोविड-19 के मरीजों को धार्मिक पहचान के आधार पर अलग किया गया है.

मीडिया में यह खबर आई थी कि गुजरात के अहमदाबाद में एक सरकारी अस्पताल में संक्रमित मरीजों को उनके धर्म के आधार पर अलग किया गया है. इसके बाद अमेरिकी आयोग ने भारत में कोरोना वायरस महामारी से निबटने के तरीके पर चिंता जताई थी.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर यूएससीआईआरएफ की टिप्पणी क्या पहले ही काफी नहीं है, जो वह अब भारत में कोविड-19 से निबटने के लिए पालन किए जाने वाले पेशेवर मेडिकल प्रोटोकॉल पर गुमराह करने वाली रिपोर्टों को फैला रहा है.

उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में धर्म के आधार पर मरीजों को अलग नहीं किया जा रहा है और इस बाबत गुजरात सरकार ने सफाई दी है.

श्रीवास्तव ने कहा कि यूएससीआईआरएफ को कोरोना वायरस महामारी से निबटने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को धार्मिक रंग देना बंद करना चाहिए.

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इससे पहले अमेरिकी आयोग ने ट्वीट किया था कि वह इन खबरों को लेकर चिंतित है कि अस्पताल में हिन्दू और मुस्लिम मरीजों को अलग किया जा रहा है.

उसने कहा था, 'इस तरह के कदम भारत में मुसलमानों को कलंकित किए जाने की घटनाओं को बढ़ाने में मदद करेंगे और इन अफवाहों को और तीव्र करेंगे कि मुस्लिम कोविड-19 फैला रहे हैं.'

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