नई दिल्ली : विदेशमंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की ओर से 'सामूहिक कार्रवाई' की पुरजोर वकालत की और कहा कि इस क्षेत्र के समक्ष पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है.
जयशंकर ने यह टिप्पणी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में की. एससीओ चीन के प्रभाव वाला समूह है जो राजनीतिक एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से संबंधित है.
इस बैठक की अध्यक्षता रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव ने की और इसमें चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित एससीओ के सभी सदस्यों देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
इस सम्मेलन में अफगानिस्तान की उभरती स्थिति पर व्यापक चर्चा की गई. इसमें कहा गया है कि शांति वार्ता अफगानिस्तान के लोगों की आकांक्षाओं और पड़ासी देशों के हितों के अनुरूप आगे बढ़नी चाहिए.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर ने इस बात को रेखांकित किया कि इस क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है और आतंकवाद से एससीओ क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को बड़ा खतरा बना हुआ है.