हैदराबाद : उत्तराखंड में कैलाश मानसरोवर यात्रा को छोटा करने के लिए हाल ही में भारत और नेपाल के बीच बनी सड़क पर राजनीति तेज हो गई है.गौरतलब है कि नेपाल ने लिपुलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम सर्कुर लिंक रोड का भारत द्वारा उद्घाटन किए जाने पर आपत्ति जताई है. साथ ही कहा है यह एकतरफा कदम दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए बनी सहमति के खिलाफ है.
नेपाल ने बताया एकतरफा अधिनियम, भारत ने कहा कोई उल्लंघन नहीं..
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत ने नेपाली भूमि लिपुलेख में सड़क निर्माण करा लिया और फिर शुक्रवार को उद्घाटन भी कर दिया. यह दुखद है. नेपाल सरकार ने सुगौली संधि का हवाला दिया और कहा कि नेपाल इस संधि का पूरी तरह से अनुपालन कर रहा है.
हालांकि भारत ने शनिवार को नेपाल की सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तराखंड में धारचूला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ते हुए जो सड़क बनाई गई है, वह पूरी तरह उसके क्षेत्र में है.
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि वर्तमान परियोजना के अंतर्गत उसी रास्ते को तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और व्यापारियों की सुविधा के लिए आसान बनाया गया है.
बता दें कि 80 किलोमीटर लंबे इस रास्ते का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया.
रक्षा मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पिथौरागढ़ के पहले काफिले को रवाना किया. इसके साथ ही कैलाश-मानसरोवर जाने वाले यात्री अब तीन हफ्तों की जगह एक ही हफ्ते में अपनी यात्रा पूरी कर सकेंगे.