नई दिल्ली : भाजपा महासचिव राम माधव ने रविवार को कहा कि कोविड-19 के बाद की विश्व व्यवस्था स्पष्ट रूप से अलग होगी और यह पाकिस्तान के खुद के हित में होगा कि वह आतंकवाद को समर्थन देने जैसी अपनी हरकतों में बदलाव लाए. साथ ही, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत जानता है कि इस तरह के देशों से कैसे निपटना है.
राम माधव ने समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि (कोरोना वायरस) महामारी के बाद के चरण में चीन से पूंजी का पलायन होगा और वैश्विक कोरोबारियों द्वारा निवेश के लिए भारत एक आकर्षक गंतव्य होगा.
भारत में 'इस्लामोफोबिया' (इस्लाम विरोधी भावना) के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए माधव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सभी समुदायों का समर्थन प्राप्त है और जो लोग 'मोदी-फोबिया' से ग्रसित हैं वह देश के विमर्श को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं.
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मार्च महीने के प्रथम पखवाड़े में हुए तबलीगी जमात के एक धार्मिक कार्यक्रम के बाद कोविड-19 संक्रमण तेजी से फैलने को लेकर मुसलमानों को निशाना बनाये जाने के आरोपों पर भाजपा महासचिव ने कहा, 'समुदाय के कुछ सदस्यों की गलतियों के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा. यह समुदाय या देश को व्यापक रूप से मदद नहीं करेगा.'
माधव ने पाकिस्तान के बारे में कहा कि यह देश अपने भारत विरोधी और आतंकवाद समर्थक अभियानों को नहीं छोड़ रहा है, वह भी ऐसे समय पर जब समूचा विश्व कोरोना वायरस संकट से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
उन्होंने कहा, 'इससे यह प्रदर्शित होता है कि पाकिस्तान के नेतृत्व में कहीं न कहीं कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ी है. यह भारत के साथ संबंधों को सुधारना नहीं चाहता है.'
माधव ने कहा कि पाकिस्तान खुद ही यह फैसला करने के लिए मजबूर हो जाएगा कि कोविड-19 के बाद की विश्व व्यवस्था में वह अपने लिये कौन सी जगह चाहता है. 'यह पाकिस्तान के लिये भी उतना ही बड़ा सवाल है, जितना बड़ा चीन के लिये (सवाल) है. '
उन्होंने कहा कि 'यह पाकिस्तान के खुद के हित में होगा कि वह नयी उभरती विश्व व्यवस्था में अपनी गतिविधियों में बदलाव लाए और भारत जानता है कि ऐसे राष्ट्रों से कैसे निपटना है.'
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान भारत के अंदर आतंकवादियों को भेजने की अपनी कोशिशों से बाज नहीं आ रहा है क्योंकि विश्व भर में महामारी फैले होने के बावजूद पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बगैर उकसावे के पाकिस्तानी सेना द्वारा गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं.