नई दिल्ली : भारत ने पिछले साल 10 हथियार जोड़कर अपने परमाणु शस्त्रागार को संवर्धित किया, लेकिन भारत के पास चीन और पाकिस्तान की तुलना में कम हथियार हैं. स्वीडन के एक प्रमुख थिंक टैंक द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
'स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट' (सिपरी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत और चीन दोनों ने 2019 में अपने परमाणु जखीरे में वृद्धि की. चीन के शस्त्रागार मे जहां कुल 320 हथियार हैं. वहीं पाकिस्तान के पास 160 जबकि भारत के पास 150 हथियार हैं.
रिपोर्ट में आगाह किया गया कि 'चीन अपने परमाणु शस्त्रागार के महत्त्वपूर्ण आधुनिकीकरण के मध्य में है. वह पहली बार तथाकथित परमाणु त्रय विकसित करने की कोशिश कर रहा है जो भूमि एवं समुद्र आधारित मिसाइल और परमाणु मिसाइल ले जाने में सक्षम है.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि 'भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु बलों का आकार एवं विविधिता धीरे-धीरे बढ़ा रहे हैं, जबकि उत्तर कोरिया ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के केंद्रीय भाग के रूप में सैन्य परमाणु कार्यक्रम को प्राथमिकता देना जारी रखा है.'
सिपरी ने अपनी 2019 की रिपोर्ट में कहा था कि चीन के परमाणु जखीरे में 290 हथियार हैं, जबकि भारत के पास 130 से 140 के करीब हथियार. पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार में 150 से 160 हथियार थे जो इस साल के आकलन में भी उतने ही हैं.