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Published : Apr 10, 2020, 4:38 PM IST

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कोरोना : दक्षेस में मोदी के नेतृत्व पर सवाल के बाद पाक को भारत का करारा जवाब

भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रत्येक दक्षेस राष्ट्र की गंभीरता का स्तर उनके व्यवहार से ही पता लगाया जा सकता है. कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया कोष की प्रतिबद्धताओं के समय, तरीके और उसे लागू करने के बारे में दक्षेस के सदस्य देशों को निर्णय करना है. बता दें कि भारत ने कोरोना से निपटने के लिए दक्षेस आपात कोष की घोषणा की थी.

अनुराग श्रीवास्तव
अनुराग श्रीवास्तव

नई दिल्ली : भारत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए दक्षेस के प्रत्येक सदस्य राष्ट्र की गंभीरता का स्तर उनके व्यवहार से ही पता लगाया जा सकता है. इस बयान को क्षेत्र में कोरोना संकट से निपटने में भारत के नेतृत्व का पाकिस्तान द्वारा विरोध किए जाने के संदर्भ में देखा जा रहा है.

भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब एक दिन पहले ही पाक ने कहा था कि कोरोना संकट से निबटने की कोई भी पहल दक्षेस के ढांचे के दायरे में होनी चाहिए. पाक का यह बयान दक्षेस कोरोना आपात कोष में 30 लाख डॉलर का योगदान करने के संबंध में था.

पाकिस्तान ने बुधवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) देशों के व्यापार अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंस का बहिष्कार करते हुए कहा था कि इस तरह की बैठकें तभी प्रभावी हो सकती हैं, जब इनका नेतृत्व भारत के बजाए दक्षेस का सचिवालय करेगा.

भारत का यह कहना रहा है कि असाधारण परिस्थितियों में की गई यह पहल कार्यप्रणाली की औपचारिकताओं को पूरा किए बगैर महामारी से संयुक्त रूप से निपटने पर ध्यान केंद्रित करती है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया कोष की प्रतिबद्धताओं के समय, तरीके और उसे लागू करने के बारे में दक्षेस के सदस्य देशों को निर्णय करना है. जहां तक भारत का सवाल है, प्रधानमंत्री ने जो प्रतिबद्धता व्यक्त की, वह आज लागू होने के काफी अगले चरण में पहुंच गई है.'

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प्रवक्ता से पाकिस्तान के आपात कोष में योगदान देने की घोषणा और उसके दक्षेस चार्टर के अनुरूप उपयोग करने पर जोर दिए जाने के बारे में पूछा गया था.

श्रीवास्तव ने कहा, 'अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका को सामान और सेवाओं की सहायता मुहैया कराई गई है. दक्षेस के सदस्य देशों ने भी कोष में योगदान देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए दक्षेस के प्रत्येक सदस्य राष्ट्र की गंभीरता का स्तर उनके व्यवहार से ही पता लगाया जा सकता है.'

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से लड़ाई में संयुक्त रणनीति बनाने के संबंध में 15 मार्च को दक्षेस देशों के नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग पर संवाद में दक्षेस कोविड-19आपात प्रतिक्रिया कोष का प्रस्ताव किया और इसमें भारत की ओर से एक करोड़ डालर के आरंभिक अंशदान की बात कही थी. समझा जाता है कि भारत पहले ही योगदान कर चुका है.

इसके बाद नेपाल और अफगानिस्तान से 10-10 लाख डालर, मालदीव ने दो लाख डालर, भूटान ने एक लाख डालर, बांग्लादेश ने 15 लाख डालर और श्रीलंका ने 50 लाख डालर का योगदान करने की घोषणा की थी.

पाकिस्तान के बुधवार को दक्षेस देशों के व्यापार अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंस का बहिष्कार करने के बाद एक सूत्र ने गुरुवार को कहा, जब क्षेत्र कोरोना वायरस संकट का सामना कर रहा है, ऐसे में (पाकिस्तान की) यह कोशिश संकीर्ण राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिए है.

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सूत्रों ने कहा कि यदि कोविड-19 से जुड़ी बातचीत को दक्षेस के औपचारिक ढांचे के तहत लाया जाता है तो पाकिस्तान को भारत की कोशिशों में अड़ंगा डालने की खुली छूट मिल जाएगी, साथ ही, पाकिस्तान के पास एजेंडे का मसौदा तैयार करने, निष्कर्ष से तैयार होने वाले दस्तावेज तथा हर कदम पर संबद्ध मुद्दों पर सर्वसम्मति बनाने के लिए दबाव डाल कर उन्हें अटकाने का विकल्प उपलब्ध हो जाएगा.

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