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UNGA की बैठक में PM मोदी का संदेश : 'हमने युद्ध नहीं बुद्ध दिए'

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 74वीं बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व को 'युद्ध नहीं बुद्ध' का शांति संदेश दिया है. पीएम मोदी ने भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए कई अन्य बातें भी कही. जानें पूरा विवरण

संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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Published : Sep 27, 2019, 9:33 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 6:41 AM IST

न्यूयॉर्क : शुक्रवार को UNGA की 74वीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खतरे के प्रति विश्व समुदाय को चेताया. उन्होंने इसके विरूद्ध वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया.

मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को हिंदी में संबोधित करते हुए कहा, 'आतंक के नाम पर बंटी दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ. मैं समझता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व का एकजुट होना अनिवार्य है.'

स्वामी विवेकानंद के 125 साल पहले शिकागो में धर्म संसद में दिए संदेश का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए शांति और सौहार्द ही, एकमात्र संदेश है.'

उन्होंने यह भी कहा, 'हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है.' उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में भारत ने सबसे ज्यादा योगदान दिया है.

मोदी ने आतंकवाद को लेकर कड़ा संदेश देते हुए कहा, 'हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है, आक्रोश भी है. हम मानते हैं कि यह किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया और मानवता की सबसे बड़ी चुनौतयों में से एक है.'

उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना गौरव की बात है.

मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि सत्य और अहिंसा का संदेश पूरे विश्व के लिए आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में हम जल संरक्षण के साथ 15 करोड़ परिवारों को पाइप के जरिए पेयजल आपूर्ति से जोड़ने वाले हैं.

उन्होंने कहा कि 2025 तक हम भारत को तपेदिक (टीबी) से मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जन-भागीदारी से जन-कल्याण की दिशा में काम कर रहे हैं और यह केवल भारत ही नहीं 'जग-कल्याण' के लिए है.

ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि प्रति व्यक्ति उत्सर्जन की दृष्टि से देखें तो वैश्विक तापमान को बढ़ाने में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है.

Last Updated : Oct 2, 2019, 6:41 AM IST

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