जानिए, भारत कब-कब बना यूएनएससी का अस्थाई सदस्य - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के चुनाव में मिले जबर्दस्त समर्थन की मदद से दो साल के लिए इसका अस्थायी सदस्य चुना गया है. सुरक्षा परिषद की पांच अस्थायी सीटों के लिए हुए चुनाव में एशिया-प्रशांत देशों की श्रेणी से उम्मीदवार भारत को 192 मतों में से 184 मत मिले. वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब भारत को सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर चुना गया है. इससे पहले भी भारत सात बार यूएनएससी का आस्थाई सदस्य रह चुका है.
प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Jun 18, 2020, 6:00 PM IST
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Updated : Jun 18, 2020, 10:15 PM IST
हैदराबाद : भारत एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अस्थायी सदस्य चुना गया है. चुनाव में सुरक्षा परिषद की पांच अस्थायी सीटों के लिए हुए चुनाव में एशिया-प्रशांत देशों की श्रेणी से उम्मीदवार भारत को 192 मतों में से 184 मत मिले.
सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा. भारत के अलावा आयरलैंड, मेक्सिको और नॉर्वे भी अस्थायी सदस्य चुने गए.
कैसे होता है अस्थाई सदस्य का चुनाव चार्टर के अनुच्छेद 23 के, जिसे 31 दिसंबर 1963 को संशोधित (संकल्प 1991 ए (XVIII)) किया गया और 31 अगस्त 1965 को लागू किया गया, अनुसार महासभा ने गैर-स्थायी सदस्यों की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 कर दी.
सुरक्षा परिषद के कुल पांच स्थाई सदस्य हैं. इनमें चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फांस और रूस शामिल हैं. इसके अलावा 10 अस्थाई सदस्यों को दो वर्ष के अवधि के लिए चुना जाता है.
प्रक्रिया के नियम 142 के अनुसार, महासभा प्रत्येक वर्ष सुरक्षा परिषद के पांच गैर-स्थायी सदस्यों का चुनाव करती है. सभा ने 1963 में हुए अपने अठारहवें सत्र में फैसला किया कि परिषद के गैर-स्थायी सदस्यों को (संकल्प 1991 ए (XVIII)) के अनुसार चुना जाएगा. इनमें पांच सदस्य अफ्रीकी और एशिया, एक सदस्य पूर्वी यूरोप, दो लैटिन अमेरिका और दो सदस्य पश्चिमी यूरोप से चुने जाएंगे.
जीत के लिए दो तिहाई वोट की जरूरत प्रक्रिया के नियमों की धारा 144 के अनुसार, एक सेवानिवृत्त सदस्य तत्काल पुन: चुनाव के लिए पात्र नहीं हो सकता, जबकि नियम 92 के अनुसार चुनाव सीक्रेट बैलेट द्वारा आयोजित किया जाता है और इसमें कोई नामांकन नहीं होता. प्रक्रिया के नियम 83 के तहत, सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य दो-तिहाई बहुमत से चुने जाते हैं.
भारत कब-कब बना अस्थाई सदस्य वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब भारत को यूएनएससी के अस्थायी सदस्य के तौर चुना गया है. इससे पहले भी भारत सात बार सुरक्षा परिषद का आस्थाई सदस्य रह चुका है.