नई दिल्लीः भारत और चीन ने सोमवार को कई समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए और आने वाले महीनों में 100 कार्यक्रमों को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की. यह कार्यक्रम फिल्म में और प्रसारण के क्षेत्र में आयोजित किए जाएंगे. इन कार्यक्रमों का उद्देश्य दोनो देशों के बीच सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की अध्यक्षता में सांस्कृतिक और पीपल-टू-पीपल एक्सचेंजों पर भारत-चीन उच्च-स्तरीय तंत्र (एचएलएम) की दूसरी बैठक के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
दोनों देश अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन और पुरातात्विक विरासत स्थलों के प्रबंधन के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमत हुए.
उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई है. इसका उद्देश्य दोनों देशों की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इन दवाओं के विकास को बढ़ावा देना है. बता दें, भारत और चीन दोनों देशों में सदियों से इसपर संचित ज्ञान है.
विदेश मंत्री ने बताया, हम अपने राष्ट्रीय खेल संघों, खिलाड़ियों और युवाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में सहयोग को मजबूत करने के लिए आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए.
आखिर में हुबेई प्रांतीय संग्रहालय, वुहान और राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली , प्रदर्शनियों के क्षेत्र में, संग्रह और पुरातात्विक खुदाई के संरक्षण और बहाली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालय प्रबंधन में सहयोग पर सहमत हुए.
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