नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में महीनेभर से जारी सीमा गतिरोध को हल करने के अपने पहले बड़े प्रयास के तहत भारत और चीन की सेनाओं के बीच आज लेफ्टिनेंट जनरलस्तरीय बातचीत शुरू हो चुकी है. हालांकि दोनों सेनाएं ऊंचाई वाले क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों में आक्रामक मुद्रा में बनी हुई हैं.
गौरतलब है कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बैठक लगभग नौ बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन बैठक का समय बढ़ाकर 11 से 11.30 बजे के बीच कर दिया गया.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे. सिंह लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग हैं. चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला कमांडर करेंगे.
सूत्रों ने कहा कि भारत को बैठक से किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं है, लेकिन वह इसे महत्वपूर्ण मानता है क्योंकि उच्च-स्तरीय सैन्य संवाद गतिरोध के हल के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है.
दोनों पक्षों के मध्य पहले ही स्थानीय कमांडरों के बीच कम से कम 12 दौर की तथा मेजर जनरल स्तरीय अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन चर्चा से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला.
उम्मीद है कि शनिवार की बैठक में भारतीय पक्ष पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में यथास्थिति बहाल रखने पर जोर देगा, ताकि पांच मई को दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प के बाद चीन द्वारा बनाए गए अस्थायी शिविरों को हटाते हुए तनाव में धीरे-धीरे कमी लाई जा सके.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल, अप्रैल 2018 में वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णयों के अनुरूप, दोनों सेनाओं द्वारा जारी रणनीतिक दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन पर जोर देगा.
समझा जाता है कि दोनों पक्ष गतिरोध दूर करने के लिए राजनयिक स्तर पर भी प्रयासरत हैं. 2017 के डोकलाम प्रकरण के बाद दोनों पक्षों के बीच यह सबसे गंभीर सैन्य गतिरोध है.