नई दिल्ली: भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अगले हफ्ते आठवीं बार बातचीत करेंगे. इससे पहले, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फोर्स की तैनाती कम करने के मुद्दे पर सभी दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी. अब सर्दियां भी आ गई हैं और सैनिकों को शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में वहां रहना पड़ रहा है.
ईटीवी भारत से सूत्रों ने आज बताया कि भारतीय और चीनी अधिकारियों ने एक दूसरे से टेलीफोन पर संपर्क किया है. संभावना है कि अगले सप्ताह वार्ता चुशुल में भारतीय सीमा पर होगी. एक अधिकारी ने कहा कि जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.
इससे पहले कमांडर स्तर पर वार्ता विवाद को हल करने में असफल साबित हुई. क्योंकि उनके पास उतने अधिकार नहीं होते हैं कि वह निर्णय ले सकें. इसलिए वार्ता में दोनों पक्षों राजनयिकों का शामिल किया गया है.
इस बार लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी.के मेनन भारत की ओर से बातचीत का नेतृत्व करेंगे, जबकि विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहेंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह का भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में तबादला होने के बाद, मेनन ने अक्टूबर के मध्य में 14 कोर कमांडर का कार्यभार संभाला, जहां वो सेना के अधिकारियों के प्रशिक्षण के प्रभारी होंगे.
इससे पहले भारत और चीन के बीच 6 जून, 22 जून, 30 जून, 14 जुलाई, 2 अगस्त और 21 सितंबर को कमांडर स्तर की वार्ता हुई, लेकिन यह सभी बैठकें अनिष्कर्षपूर्ण साबित हुई हैं.
इससे पहले दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने भारत-चीन सीमा पर छह महीने से चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए सात बार मुलाकात की थी. अंतिम बैठक 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें भी कोई फैसला नहीं निकल पाया था.
बैठक के बाद, भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा था कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फोर्स की तैनाती कम करने को लेकर रचनात्मक बातचीत की.