नई दिल्ली : भारत और चीन ने इस बात पर सहमति जताई कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना जरूरी है. साथ ही द्विपक्षीय संबंधों के सामरिक दृष्टिकोण के जरिये सीमा से जुड़े मुद्दों पर वार्ता करने पर जोर दिया गया.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने सीमा से जुड़े मुद्दों का उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने के लिये प्रयास को तेज करने का संकल्प लिया.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बातचीत रचनात्मक रही. इस दौरान द्विपक्षीय विकास साझेदारी को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस बात पर आम सहमति बनी कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे की संवेदनशीलता और सरोकारों का सम्मान करना चाहिए.
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है. इस दौरान भारत-चीन संबंधों के सामरिक दृष्टिकोण से सीमा मुद्दे के महत्व को रेखांकित किया गया. मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमा मुद्दों का शीघ्र निस्तारण दोनों देशों के मौलिक हितों के लिए आवश्यक है.
बता दें कि वांग, वार्ता के लिये शुक्रवार की रात को यहां पहुंचे थे.
अधिकारियों ने कहा कि वार्ता के दौरान सीमा से जुडे़ विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई और दोनों पक्षों ने लगभग 35 हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जतायी.
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डोभाल और वांग के बीच सीमा वार्ता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच इसी साल अक्टूबर में मलप्पुरम में हुई दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद चीन और भारत के बीच यह पहली उच्च स्तरीय वार्ता थी.