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सेना दिवस पर बोले जनरल नरवणे- भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है हमारी सेना

सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने आज सेना दिवस के मौके पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

india celebrating army day
सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे

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Published : Jan 15, 2020, 9:32 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 1:30 PM IST

नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे ने कहा कि हमारी सेना भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि आतंक का जवाब देने के लिए हमारे पास बहुत विकल्प हैं और आतंक के प्रति हमारी नीति हमेशा से जीरो टॉलरेंस की रही है.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना एक ऐतिहासिक कदम है और इससे राज्य को मुख्य धारा से जुड़ने में मदद मिलेगी. नरवने ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने से हमारे पश्चिमी पड़ोसी द्वारा छेड़ा गया युद्ध बाधित हो गया है.

सेना को संबोधित करते सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे

नरवणे ने कहा कि सेना प्रमुख होने के नाते मुझे अपने जवानों की योग्यता पर नाज है. हमारी सैनिक भले ही मुश्किल इलाकों में तैनात हैं, पर वह हमेशा देशवासियों के दिल में रहते हैं.

ना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जवानों को पदक से सम्मानित किया

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, थल सेना सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने आज सेना दिवस के मौके पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है.

सेना दिवस के मौके पर जवानों को पदक से सम्मानित किया गया

बता दें कि आज 72वां सेना दिवस है और सेना कमान मुख्यालय के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में सैन्य परेड और शक्ति प्रदर्शन के अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के हवाले से भारतीय सेना ने ट्वीट कर इंडियन आर्मी के सभी सैनिकों को सेना दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.

72वें सेना दिवस पर देशभर में सेना परेड के कौशल के साथ-साथ अपने महत्वपूर्ण हथियारों का भी प्रदर्शन किया. हथियारों में बीएलटी टी-72 भारत रक्षक टैंक, 155 मिमी की सोल्टम गन, एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टर और ब्रह्मोस मिसाइल शामिल हैं.

सेना दिवस मनाने का कारण
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में हर साल सेना दिवस मनाया जाता है. करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे जिन्होंने 15 जनवरी 1949 में सर फ्रैंसिस बुचर से प्रभार लिया था. करियप्पा ने 1947 में पश्चिमी सीमा पर भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था. वह 14 जनवरी 1986 को फील्ड मार्शल का खिताब प्राप्त करने वाले दूसरे व्यक्ति थे. 1973 में भारत के पहले फील्ड मार्शन बनने का सम्मान सैम मानेकशॉ को है.

तानिया शेरगिल नेतृत्व किया
पहली बार एक महिला अधिकारी कैप्टन तानिया शेरगिल ने पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व किया. तानिया शेरगिल सेना के सिग्नल कोर में कैप्टन हैं. बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशंस में बीटेक करने वाली तानिया शेरगिल मार्च 2017 में चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से सेना में शामिल हुई थीं. तानिया चौथी पीढ़ी की पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें पुरुषों के परेड के नेतृत्व का मौका मिला है. तानिया शेरगिल का पूरा परिवार सेना में काम कर चुका है. उनके पिता तोपखाने (अर्टिलरी), दादा बख्तरबंद (आर्मर्ड) और परदादा सिख रेजिमेंट में पैदल सैनिक (इन्फेंट्री) के तौर पर सेवा दे चुके हैं.

इससे पहले पिछले साल कैप्टन भावना कस्तूरी गणतंत्र दिवस पर सभी पुरुषों का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं.

Last Updated : Jan 15, 2020, 1:30 PM IST

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