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भारत-ब्राजील : 2022 तक द्विपक्षीय व्यापार को $15 बिलियन ले जाने का लक्ष्य

ब्राजील के विदेश मंत्री अर्नेस्टो फ्रैगा अरुजो ने व्यापार लक्ष्यों को प्राप्त करने और पार करने के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते का हवाला दिया. उन्होंने भारत-ब्राजील बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए यह बात कही. दोनों देशों ने 2022 तक द्विपक्षीय व्यापार को 15 बिलियन अमरीकी डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है.

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पीएम मोदी और बोलसोनारो

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Published : Jan 27, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 4:15 AM IST

ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो भारत के दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच 15 एमओयू हुए हैं. दोनों पक्षों ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए व्यापार और रक्षा चर्चा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.

भारत-ब्राजील बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए, ब्राजील के विदेश मंत्री अर्नेस्टो फ्रैगा अरुजो ने व्यापार लक्ष्यों को प्राप्त करने और पार करने के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते का हवाला दिया. दोनों देशों ने 2022 तक मौजूदा आठ बिलियन अमरीकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को 15 बिलियन अमरीकी डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है.

पीएम मोदी और बोलसोनारो

अरूजो ने दावा किया कि ब्राजील में पिछली सरकारों के विपरीत, विभिन्न मंत्रालय इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं.

अराजू ने मोदी के नेतृत्व की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि मोदी परंपराओं और मूल्यों को बिना छोड़े ही भारत को आधुनिकीकरण की दिशा में ले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता की ताकत भारत में देखने को मिलती है.

भारत-ब्राजील के बीच हुए समझौते

उदार सामाजिकता के चरम विरोधी बोलसानोरो 2018 में अपनी आश्चर्यजनक जीत के बाद से ब्राजील में लोकप्रिय राष्ट्रवाद के रास्ते पर चल रहे हैं. उनके विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनका देश व्यापारिक बाधाओं को हटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. वे नियामक मुद्दों की भी पहचान कर रहे हैं.

पीएम मोदी, बोलसोनारो, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

बोलसनोरो की मौजूदगी में व्यापार मंच की बैठक को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उम्मीद जताई कि द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों को आगे लेकर जाएगा और दुनिया के दूसरे देश इसे देखकर 'ईर्ष्या' करेंगे. यह तो एक पुराने विज्ञापन में टेलीविजन कंपनी द्वारा इस्तेमाल की गई टैगलाइन की याद ताजा करती है. गोयल ने बोलासनरो की उस घोषणा का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने भारतीयों के लिए वीजा मुक्त यात्रा की घोषणा की. गोयल ने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष दूसरों के बीच मूल्य श्रृंखला, रेलवे विस्तार, पर्यावरण और जैव ईंधन पर निकट सहयोग कर सकते हैं.

भारत दौरे पर ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो

भारत के गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने वाले ब्राजील के राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रपति बोलसोनारो ने रेखांकित किया कि दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक सहयोग के लिए दोनों देशों ने संयुक्त कार्य आयोग (ज्वाइंट वर्किंग कमिशन) बनाने पर जोर देने की बात कही है. ब्राजील के रक्षा उत्पाद सचिव मार्कोस देगौत ने स्मिता शर्मा के साथ खास बातचीत में कहा कि वे सिर्फ खरीदार और विक्रेता जैसा संबंध रखना नहीं चाहते हैं, बल्कि भारत के 'मेक इन इंडिया' के साथ सहयोग चाहते हैं. पेश है उनके साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

सवाल - रक्षा पर चर्चा से आपको क्या हासिल होने की उम्मीद है ?
हम एक नए संबंध का निर्माण शुरू कर रहे हैं. हम रणनीतिक सहयोग के नए क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं. हम यहां जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वह 2006 की रणनीतिक साझेदारी के लिए कुछ और सहमति प्रदान करना है, जो हमारे दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित थी. लेकिन ईमानदार होने के लिए अब तक बहुत कुछ नहीं किया गया है. हम रक्षा क्षेत्र में कुछ कार्य समूहों को स्थापित करने, सामान्य परियोजनाओं की पहचान करने, सामान्य हितों की पहचान करने, प्रयास करने और यह देखने के लिए हैं कि हम इस क्षेत्र में कैसे प्रगति कर सकते हैं.

सवाल - क्या आप मिलिट्री एक्सरसाइज की संभावना को भी देख रहे हैं ?
हम यहां रक्षा उद्योगों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए हैं. इसलिए हम अपने उद्योगों की उत्पादक क्षमता का विस्तार करना चाहते हैं. यह पहला चरण है. यही हमें करने की आवश्यकता है. हम यहां बेचने या खरीदने के लिए नहीं हैं. हमें आम हितों के क्षेत्रों की पहचान करनी होगी कि कैसे हम अपने रक्षा उद्योगों की उत्पादक क्षमताओं के प्रवर्धन के लिए निजी पूंजी के साथ एक कोष की स्थापना की संभावना के माध्यम से अपने सशस्त्र बलों की सेवा कर सकते हैं.

सवाल - रक्षा में पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' की पिच पर आप कैसे आगे बढ़ेंगे ?
मैं वास्तव में मानता हूं कि मेक इन इंडिया एक बहुत महत्वपूर्ण पहल है और इसे इसी तरह से पूरा करने की जरूरत है. हमें स्थानीय स्तर पर क्षमताओं का निर्माण करने की आवश्यकता है. हम यहां बेचने या खरीदने के लिए नहीं हैं. हम उन क्षेत्रों की पहचान करना चाहते हैं जिन्हें हम संयुक्त रूप से सहयोग कर सकते हैं और उत्पादन कर सकते हैं जो हमारे सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक है, स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा करते हैं और निवेश आकर्षित करते हैं.

Last Updated : Feb 28, 2020, 4:15 AM IST

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