नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने संबंधित विभागों के माध्यम से रूसी वेबसाइट www.punjabfree.ru को प्रतिबंधित करा दिया है. इस वेबसाइट के माध्यम से 'रेफरेंडम 2020' के लिए ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण कराने की कवायद की जा रही थी. इसके तहत सिखों के लिए एक अलग मातृभूमि की मांग की जा रही है.
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पंजाब में सरकार के कदम और भारी सुरक्षा व्यवस्था ने भारत विरोधी अभियान 'रेफरेंडम 2020' को निष्प्रभावी बना दिया है. हालांकि, सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने एक दिन में पूरे राज्य में 10,000 मतदाता पंजीकरण फॉर्म वितरित करने का दावा किया है.
मतदाता पंजीकरण शुरू करते समय एसएफजे ने पंजाब में लोगों से अपील की है कि वह गैर-सरकारी पंजाब स्वतंत्रता अभियान में भागीदारी के लिए अपना वोट दर्ज कराएं.
एसएफजे ने पंजाब के 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के साथ-साथ भारत में कहीं और रहने वाले सिखों को भी जनमत संग्रह में भाग लेने के लिए वोट देने की अपील की है.
गौरतलब है कि एसएफजे ने 'रेफरेंडम 2020' अभियान शुरू करने के लिए 4 जुलाई को चुना. इस दिन 1955 में दरबार साहिब में सिखों पर हमला हुआ था. अलगाववादी समूह रेफरेंडम द्वारा मतदाता पंजीकरण के माध्यम से भारत विरोधी समर्थन पाने में विफल रहा.
एक अधिकारी ने बताया कि शांति और कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए गोल्डन प्लाजा और अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस के वाहन और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.
वहीं, एक बयान में, अलगाववादी समूह ने कहा कि 4 जुलाई को हुए मतदाता पंजीकरण में पंजाब के लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसने भारत सरकार को पंजीकरण और रूसी पोर्टल के एक्सेस को रोकने के लिए बाध्य कर दिया.
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बता दें कि अमेरिका स्थित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पनुन ने एक वीडियो के माध्यम से मतदाता पंजीकरण की घोषणा की थी, जिसमें पंजाब पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी शामिल किया गया था.
SFJ के प्रमुख प्रचारक पनुन को 1 जुलाई, 2020 में केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था, जो पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और खालिस्तान आंदोलन में शामिल होने की कोशिश कर रहा था. इसके अलावा केंद्र ने आठ अन्य खालिस्तान समर्थकों को भी आतंकवादी घोषित किया था.
कट्टरपंथी समूह SFJ को पाकिस्तान स्थित संचालकों द्वारा पैसा और तार्किक सहायता दी जाती है. इस ग्रूप का नेतृत्व अवतार सिंह पनुन और गुरपतवंत सिंह कर रहे हैं और इसने ही खालिस्तान की वकालत करने के साथ-साथ रेफरेंडम 2020 के लिए ऑनलाइन अलगाववादी अभियान शुरू किया.